फैजाबाद। कलेक्ट्रेट परिसर में गैगवार के बाद सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन सर्तक हो गया है। कोर्ट परिसर के चप्पे-चप्पे पर जहां पुलिस बल तैनात किये गये हैं वहीं पुराने डोर मेटल डिटेक्टर को बदल दिया गया है। यह बात अलग है कि नये मेटल डिटेक्टर मात्र डेढ़ घंटे काम करने के बाद निष्प्रयोज्य बन गये। बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने इस मांग को लेकर बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है कि जबतक उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश के अनुसार कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था लागू नहीं की जाती वह अपना आन्दोलन स्थगित नहीं करेंगे। दूसरी ओर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि कचहरी परिसर मे चार नये क्लोज सर्किट कैमरे लगाये जायेंगे जिससे कोर्ट परिसर पुलिस चौकी में बैठकर निगाहबानी की जा सके। गैंगवार के दौरान इस्तेमाल की गयी नीली बत्ती लगी फारचूनर को लेकर चर्चा का बाजार कचेहरी में गर्म रहा। लोगबाग कहते सुने गये कि नीली बत्ती लगी गाड़ी में जबरन एक आदमी को घसीटकर भर लिया गया था तथा कार के भीतर कई गोलियां चलने की आवाज सुनाई पड़ी थी। कार तेजी से परिसर के बाहर चली गयी और उसका कोई पता नहीं चला। दूसरी ओर पेशी के लिए मोनू सिंह के भाई सोनू सिंह कचेहरी में मौजूद थे परन्तु जिला चिकित्सालय व डेढ़ घंटा बिलम्ब से आये। नीली बत्ती लगी कार प्रकरण में इनकी भूमिका संदिग्ध बतायी जा रही है। पुलिस के आलाधिकारी मोकाए वारदात जहां एक हमलावर को गोली से हलाक कर दिया गया था से बरामद प्रतिबंधित 9 एमएम के खोखे को लेकर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। कोई अधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि जिन लोगों ने 9 एमएम पिस्टल से ताबडतोड गोलियां चलाई उनके विरूद्ध क्या कार्यवाही की जायेगी। पुलिस ने एक भी 9 एमएम पिस्टल नहीं बरामद किया है। मोनू सिंह के भाई सोनू सिंह की तहरीर पर बसपा नेता विनोद कुमार सिंह, संत ज्ञानेश्वर के शिष्य जयनेन्द्र शर्मा और कमला यादव सहित 6 लोगों के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कर ली है। तहरीर में इन तीनों लोगों को आरोपी बनाया गया है