गैरकानूनी गतिविधि में संलप्तिता के तहत जेकेएलएफ पर प्रतिबंध
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नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में निरोधक अधिनियम न्यायाधिकरण ने सक्रिय अलगाववादी नेता यासिन मलिक के नेतृत्व वाले जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ-वाई) पर प्रतिबंध लगाने की पुष्टि कर दी है। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्र शेखर की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने इस संबंध में जारी अधिसूचना में कहा कि जेकेएलएफ-वाई की गतिविधियां राष्ट्र विरोधी है और यह देश की संप्रभुता तथा अखंडता के लिए खतरा है। न्यायाधिकरण ने कहा कि जेकेएलएफ-वाई जम्मू कश्मीर में शांति और सौहार्द्र भंग करने वाले अन्य संगठनों के साथ सक्रिय होकर काम कर रहा है। केंद्र सरकार के पास इस संगठन के गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त रहने के पर्याप्त सबूत हैं।
जेकेएलएफ-वाई आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करता है और कई बार उसके खिलाफ इसको लेकर प्राथमिकी भी दर्ज हुई है। इस गुट के खिलाफ जो मामले दर्ज हैं उनमें वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री रुबैया सईद के अपहरण का मामला भी शामिल है। यह गुट विदेशों से आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए धन हासिल करता है और उस पैसे का आतंकवाद को बढ़ावा देने तथा पत्थरबाजों को प्रोत्साहित करने के लिए इस्तेमाल करता है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने इस संगठन की इन्हीं गतिविधियों को देखते हुए इस साल 29 मार्च को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस संगठन को प्रतिबंधित करने का आदेश जारी किया था।