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गोरखपुर में बीजेपी की हार की वजह बने छोटे-छोटे मुद्दे

गोरखपुर में बीजेपी की हार अप्रत्याशित बताई जा रही है क्योंकि इसे योगी आदित्यनाथ का गढ़ माना जा रहा था। इस हार के कारणों में छोटे-छोटे मुद्दों की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। समाजवादी पार्टी को मिली इस जीत के बाद एसपी के वरिष्ठ नेता और अयोध्या के पूर्व विधायक जय शंकर पांडेय का कहना है कि गोरखपुर सिटी में पिछली बार बीजेपी जब जीती थी तो अंतर डेढ़ लाख वोट का था, यही अंतर इस बार 24,000 वोट का हो गया है।गोरखपुर में बीजेपी की हार की वजह बने छोटे-छोटे मुद्दे

एसपी नेता का कहना है, ‘केरोसिन और अनाज ना मिल पाना, एलपीजी का महंगा होना, जरूरी दवाओं की आसमान छूती कीमतें, किसानों की दुर्दशा और फसलों को बर्बाद कर रहे जानवर- ये कुछ ऐसे छोटे-छोटे मुद्दे रहे जिन्होंने उपचुनाव में बड़ा रोल निभाया और गोरखपुर में उलटफेर हो गया’ 

एसपी नेता पांडेय ने आगामी लोकसभा चुनाव में एसपी, बीएसपी, कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों और लोक दल के एक महागठबंधन की भी संभावना जताई। उन्होंने कहा, ‘फासीवादी और जनविरोधी ताकतों के खात्मे के लिए यह गठबंधन जरूरी है और मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही यह अपने असली स्वरूप में सामने आएगा।’ 

वह आगे कहते हैं, ‘गोरखपुर में हमने लोगों से बात की, वे बताते हैं कि पीला राशन कार्ड होने के बावजूद उन्हें राशन और मिट्टी का तेल नहीं मिल पा रहा है। एलपीजी के महंगे दाम भी एक समस्या हैं। इसके अलावा दवाओं के आसमान छूते रेट भी लोगों को परेशान कर रहे हैं। काम ना मिल पाने की वजह से गांव के लोगों को शहर जाना पड़ता है, जानवर लोगों को फसलें खराब कर रहे हैं।’ 

 
 

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