गोल्ड मेडल के नाम पर चीन में होती है बच्चों से क्रूरता
एजेंसी/बीजिंग। हर ओलिंपिक में चीन के एथलीट्स सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल हासिल करते हैं। इसे देखकर किसी भी देश को रश्क हो सकता है। मगर, इन गोल्ड मेडल को हासिल करने के पीछे की सच्चाई जानकार शायद आपकी रुह कांप जाएगी।
चीन में स्कूली बच्चों की कुछ चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। पांच साल तक के छोटे बच्चों को इतना कड़ा प्रशिक्षण दिया जाता है कि वे रोने लगते हैं। इसके बाद भी उनके इंस्ट्रक्टर का दिल नहीं पसीजता है।
बच्चों को भविष्य में बेहतर परफॉर्मर बनाने और गोल्ड मेडल हासिल करने के योग्य बनाने के लिए कच्ची उम्र में ही उन्हें कुंदन की तरह तपाया जाता है। ये स्कूल्स 1980 के दशक से लोकप्रिय हुए थे, जब देश ने ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट बनाने की ठानी थी।
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मगर, अब हालात बदल रहे हैं। माता-पिता बच्चों को इतने कड़े प्रशिक्षण के बजाय अन्य शिक्षा के विकल्पों पर ध्यान दे रहे हैं।
कम ही माता-पिता बच्चों को क्रूर प्रशिक्षण के रूटीन के लिए भेज रहे हैं, जिससे एथलीट्स की संख्या में भी कमी आई है। वर्ष 1990 में ऐसे प्रशिक्षण देने वाले स्पोर्ट्स स्कूलों की संख्या 3,687 हुआ करती थी, जो अब काफी कम हो गई है।
कुछ स्कूलों ने अपना माहौल बदला है और कुछ बंद हो गए हैं। मगर, अब भी बच्चों के साथ होने वाली क्रूरता में कोई ज्यादा अंतर नहीं आया है। हाल में न्यूज एजेंसी रायटर्स ने ये फोटोज जारी की हैं।
इन फोटोज को इंटरनेशनल मीडिया ने विचलित करने वाला बताया है। चीन में बच्चों को मजबूत बनाने के नाम पर ऐसी ट्रेनिंग दी जाती है कि वे दर्द से रोते-बिलखते रहते हैं। मगर, उनके ट्रेनर मासूम बच्चों पर कोई दया नहीं दिखाते हैं।
इससे पहले भी इस तरह के फोटोज सामने आ चुके हैं। हाल ही में चीन के अन्हुई प्रांत के बोझोउ सिटी में स्थित जिम्नास्टिक समर स्कूल में बच्चों को दी जा रही ऐसे ही क्रूर ट्रेनिंग से जुड़े फोटोज फिर सामने आए हैं। इन फोटोज में ट्रेनिंग के दौरान बच्चों को दर्द से कराहते हुए साफ देखा जा सकता है।