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गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम : जानिए कैसे आप भी उठा सकते हैं इस स्कीम का लाभ

gold-bond-5639fe64aed4d_lदस्तक टाइम्स/एजेंसी: नई दिल्ली:  भारतीय परिवारों में सोने को लेकर मोह पुराना है। अगर आपके पास भी किसी रूप मे गोल्ड मौजूद है तो यह खबर आपके काम की है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सोने को ‘डेड मनी’ से ‘जीवंत ताकत’ बनाने के लिए ‘गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम’ शुरू होगी। तो, आज सरकार ने यह स्कीम अन्य दो स्कीमों के साथ लॉन्च कर दी।  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने ‘गोल्ड मोनेटाइजेशन’ स्कीम (स्वर्ण मौद्रीकरण योजना) के लिए भी मानदंड़ पिछले दिनों जारी कर दिए हैं।

आइए जानें इससे जुड़ी वे सभी बातें जो आपको जरूर पता होनी चाहिए:

1) सबसे पहले तो यह जानें कि क्या है गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम। पीएम मोदी द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, इस स्कीम के तहत आप अपना गोल्ड बैंक में जमा कर सकते हैं। जिस भी बैंक में आप यह जमा करेंगे, बैंक उस पर आपको एक निश्चित दर पर ब्याज देगा। अब तक होता यह था कि गोल्ड को बैंक में रखने के लिए आपको लॉकर लेना पड़ता था और इस पर खुद आपको ही बैंक को पैसा चुकाना पड़ता था। यह एक प्रकार से वैसे ही होगा जैसे बैंक में आप पैसा रखते हैं और बदले में बैंक आपको ब्याज देता है। गोल्ड का मौद्रीकरण असल में गोल्ड के बदले मिलने वाला पैसा ही है।

2) आरबीआई के मुताबिक, योजना के तहत इसमें कम से कम 30 ग्राम 995 शुद्धता वाला सोना बैंक में रखना होगा। वह गोल्ड-बार, सिक्का, गहने (स्टोन्स रहित और अन्य मेटल रहित) इसमें मान्य होगा। अधिकतम की कोई सीमा नहीं।

3) आरबीआई के तहत नामित सभी कमर्शल बैंकों को इस स्कीम को शुरू करने की अनुमति है। आरबीआई के मुताबिक, बैंकों को गोल्ड डिपॉजिट पर खुद ब्याज दरें तय करने की अनुमति दी गई है।
 4) मच्योरिटी पर लोगों के पास यह ऑप्शन होगा कि वे या तो पैसे लें या फिर अपना सोना वापस ले सकेंगे। यह पेमेंट उस समय सोने की कीमत के अनुरूप होगी। जब आप डिपॉजिट करने जाएंगे तभी आपको यह स्पेसिफिकली बता देना होगा कि आप कौन सा विकल्प चुनने जा रहे हैं। इसे बाद में बदला नहीं जा सकेगा।

5) इस स्कीम के तहत, तीन तरह के डिपॉजिट किए जाएंगे- पहला, शार्ट टर्म (1 से 3 साल), मीडियम टर्म (5 से 7 साल) और लॉन्ग टर्म (12 से 15 साल) तक के लिए।

6) सरकार द्वारा नोटिफाई किए गए प्योरिटी टेस्टिंग सेंटर्स से आपके गोल्ड की पहले पूरी तरह से शुद्धता की जांच होगी। इसके बाद ही डिपॉजिट संबंधी आगे कामकाज किया जा सकेगा।

7) परिपक्वता (मच्योरिटी) अवधि से पूर्व निकासी का प्रावधान तो होगा लेकिन इसमें न्यूनतम लॉक-इन की अवधि भी होगी। इससे पहले निकालने पर जुर्माने का प्रावधान भी होगा। अब कौन सा बैंक कितना जुर्माना लेगा, यह फैसला बैंक स्वयं तय करेंगे।

8) इस स्कीम में, दो या दो से अधिक के जॉइंट डिपॉजिटर्स की अनुमति है।

9) मार्केट रेग्युलेटर SEBI के तहत रजिस्चर्ड म्यूचुअल फंड्स/एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स और भारतीय निवासों के लिए ही है यह स्कीम।

10) गोल्ड मोनेटाइजेशन योजना का उद्देश्य असल में देशभर में लोगों और संस्थानों के पास बेकार पड़े अनुमानित 20,000 टन सोने का एक हिस्सा इस्तेमाल में लाना है। कैबिनेट इस स्कीम पर ठप्पा लगा चुकी है।

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