घर कि छत पर कैसे उगाये सब्जियाँ
लखनऊ : कृषि विज्ञान केन्द्र, भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ द्वारा छत पर “गृह वाटिकार एक पहल” विषय पर शहरी महिलाओं हेतु एक कार्यशाला एवं विशाल किसान मेला का आयोजन संस्थान परिसर में किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्रीमती संयुक्ता भाटिया महापौर लखनऊ ने बताया कि आजकल जो सब्जियां उगायी जा रही हैं उनमें विभिन्न प्रकार के रसायनों का अंधाधुंध प्रयोग हो रहा है। जिससे उनमें विषाक्ता का प्रतिशत बहुत अधिक देखने को मिल रहा है। इनके सेवन से मानव जीवन में विभिन्न प्रकार के रोग भी तीव्र गति से फैल रहें हैं जोकि एक प्रमुख चिंता का विषय है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे भोजन में सब्जियों के समावेश की अत्यंत आवश्यकता है क्योंकि ये सब्जियाँ न केवल हमारे शरीर को रोगों से बचाती हैं बल्कि इनमें प्रचुर मात्रा में विटामिन्स खनिज लवण एवं अन्य पोषक तत्व भी विद्यमान रहते हैं तथा हमारे भोजन को उत्तम पोषण युक्त बनाते हैं।
इस कार्यशाला का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगो को प्रदूषण मुक्त हरी सब्जियों की उपलब्धता समय का सदुपयोगए धन की बचत कृषि के प्रति जागरूकता एवं सकारात्मक चिंतन हेतु किया गया। इस अवसर पर मनभारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ.डी.पाठक ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों एवं सहभागिता कर रहे सभी का स्वागत किया और आयोजित कार्यशाला के उद्देश्य से प्रतिभागियों को जागरूक करते हुए बताया कि शहरी क्षेत्रों में घरों की छतों पर आवश्यकता के अनुसार सब्जियों एवं फलों की खेती कर के प्रत्येक घर की आवश्यकतानुसार संतुलित भोजन हेतु सब्जियों का समावेश कर सकते हैं तथा आस पास का वातावरण भी अशुद्ध होने से बचा सकते हैं।
कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं नोडल अधिकारी केवीके डा.एन सिंह ने कार्यशाला की महत्ता बताते हुए कहा कि शहरी क्षेत्रों में घरों की छतों पर आवश्यकता के अनुसार सब्जियों एवं फलों की खेती करके प्रत्येक घर की आवश्यकतानुसार संतुलित भोजन हेतु सब्जियों का समावेश कर सकते हैं तथा आस पास का वातावरण को भी अशुद्ध होने से बचा सकते हैं। इस हेतु घरों की छतों पर या बालकनी, गमले में या पालीथीन की थैलियों में दैनिक उपयोग की हरी सब्जियाँ जैसेः टमाटर बैंगन मिर्च पालक धनिया मेथी शिमला मिर्च नीबू आदि की खेती करें तो वर्ष भर प्रतिदिन प्रदूषण मुक्त हरी मौसमी सब्जियों की पूर्ति सुगमतापूर्वक हो जाती है। डा. सिंह ने आगे बताया कि जहां ग्रामीण क्षेत्र की महिलायें अपने घरों के आस पास रिक्त पड़ी भूमि पर सब्जियों एवं फलों की खेती कर सकती हैं वहीं शहरी क्षेत्रों में जिन घरों के आस पास भूमि उपलब्ध नहीं है वे महिलायें छतों पर भी गृह वाटिका लगा सकती हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि आजकल परिवार बहुत छोटे छोटे होने लगे हैं ऐसे में टमाटर बैंगन मिर्च आदि को गमलों प्लास्टिक की बाल्टियों अप्रयुक्त ड्रमों अन्य पात्रों आदि में उगा कर अपनी आवश्यकता की पूर्ति कर सकती हैं। ऐसा करने से घरों के अन्दर व बाहर का वातावरण भी साफ व स्वच्छ रहेगा तथा खाली समय का अच्छी प्रकार सदुपयोग करते हुये एक कलात्मक व क्रियात्मक रूचि भी पैदा की जा सकती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि द्वारा प्रशिक्षण पर आयी शहरी क्षेत्र की महिला प्रशिक्षणार्थियों को सम्मानित एवं पुरस्कृत करते हुए विभिन्न सब्जियों की उन्नतशील प्रजातियों के बीज भी वितरित किये गये। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक व कर्मचारी उपस्थित रहें।
कृषि विज्ञान केन्द्र के अध्यक्ष डॉ ए के दुबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विशिष्ट रूप से डा वीनिका सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ, गृह विज्ञान तथा डा विवेकानंद सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ, बागवानी ने किया। इस कार्यक्रम में इन्द्रमणि त्रिपाठी नगर आयुक्त, प्रभु नाथ राय अध्यक्ष भोजपुरी समाज, डॉ धर्मपाल यादव उपनिदेशक, उद्यान, डॉ एस आर सिंह, प्रधान वैज्ञानिक एवं डॉ के के श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ सहित 500 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।