घर में नहीं रखना चाहिए शिवलिंग, झेलना पड़ेगा शिवजी का प्रकोप
हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा का प्रावधान होने के कारण हर घर में पूजा पाठ का एक स्थान होता है हालांकि शिवलिंग (Shivaling) की पूजा भी हिंदू धर्म में की जाती है। घर में देवी देवताओं की तस्वीरे होती है। लेकिन यह बताया जाता है कि घर में शिवलिंग कभी नहीं होना चाहिए। जानिये क्यों…
हर घर में साधारण पूजा कक्ष होता है। लेकिन घर में मूर्तियों की लंबाई 4 इंच से अधिक नहीं होनी चाहिए। इससे लंबी मूर्तियों के लिये विधिवत प्राण प्रतिष्ठा का विधान है जो मंदिरों में ही संभव है। चूंकि भगवान शिव के शरीर में पार गर्म ऊर्जा का भंडार है इसलिये उनका निवास स्थान हिमालय है। जो सबसे अधिक ठण्डा है।
शिवलिंग (Shivaling) भगवान शंकर का एक अभिन्न अंग है, जो अति गर्म है, जिस कारण शिवलिंग पर जल चढ़ाने की प्रथा प्रचलित है। मन्दिरों में शिवलिंग के उपर एक घड़ा रखा होता है जिसमें से पानी की एक-2 बूंद शिवलिंग पर गिरा करती है जिससे शिवलिंग की गर्मी धीरे-धीरे शान्त होकर उसमें से सकारात्मतक उर्जा प्रवाहित होने लगती है। जो भक्तगणों के कष्टों को दूर करती है।
घर में शिवलिंग रखने से इस प्रकार की व्यवस्था न हो पाने के कारण उसमें से निकलने वाली गर्म उर्जा परिवार के लोगों को नुकसान पहुंचाती है। जैसे- सिर दर्द, स्त्री रोग, जोडो में दर्द, मन अशान्त, घरेलू झगड़े, आर्थिक अस्थिरिता आदि प्रकार की समस्यायें घर में बनी रहती है।
यदि किसी घर में शिवलिंग रखा है, तो किसी शुभ मुहूर्त में निकट के मन्दिर में दान करें, तत्पश्चात उसी शिवलिंग पर रूद्राभिषेक करायें एंव पुजारी को यथा शक्ति दान व दक्षिणा दें।