घर, स्कूल तथा समाज का वातावरण ही बच्चों को ज्ञान प्राप्ति के प्रमुख स्रोत -डॉ.गांधी
सीएमएस राजेन्द्र नगर (III) एवं राजाजीपुरम (II) द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) एवं राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया गया। दोनों ही अवसरों पर विद्यालय के छात्रों ने ईश्वर भक्ति से परिपूर्ण गीत-संगीत का अनूठा समाँ बाँधा। दर्शक इन आध्यात्मिक गुणों से भरे कार्यक्रम को देखकर गद्गद हो उठे व इसी में रम गये। अभिभावकों के समक्ष सार्वभौमिक जीवन मूल्यों, विश्वव्यापी चिंतन, विश्व की सेवा के लिए तथा सभी चीजों में उत्कृष्टता विषय पर छात्रों के ओजस्वी विचारों को सभी ने खूब सराहा, साथ ही ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ के माध्यम से स्कूली प्रक्रिया में अभिभावकों को साझीदार बनाने के सी.एम.एस. के प्रयास को सफल बना दिया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पुरष्कृत कर सम्मानित किया।
सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) के ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि घर का वातावरण, स्कूल का वातावरण तथा समाज का वातावरण ये तीनों प्रकार के वातावरण ही बालक के तीन स्कूल अथवा तीन क्लास रूम अथवा ज्ञान प्राप्त करने के तीन स्रोत होते हैं। वैसे तो इन तीनों प्रकार के वातावरण का प्रभाव बालक के मन और बुद्धि पर पड़ता है। किन्तु इन तीनों में ‘सबसे अधिक प्रभाव’ ‘स्कूल के वातावरण’ का ही बालक के मन और बुद्धि तथा सम्पूर्ण जीवन पर पड़ता है। सी.एम.एस. राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या कृष्णन ने कहा कि बालकों को ज्ञान-विज्ञान, कला, शिल्प, खेलकूद आदि में उत्कृष्टता अर्जित करने के लिए प्रत्येक प्रयास पूरे मनोयोग तथा एकाग्रता के साथ करना चाहिए। सर्वांगीण शिक्षा के माध्यम से प्रत्येक छात्र परिवार, समाज और विश्व के लिए एक आदर्श नागरिक बन सकता है।
सायंकालीन सत्र में सी.एम.एस. राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) द्वारा बड़े ही शानदार ढंग से ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का आयोजन सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में किया गया। उल्लाव व आनन्द से सराबोर वातावरण में सम्पन्न हुए इस समारोह में छात्रों की रचनात्मक व कलात्मक प्रतिभा देखते ही बनती थी जिन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा दिखाया कि यह धरती हमारी माँ है तथा परमात्मा हमारा पिता है और हम सब विश्व नागरिक है। समारोह में विभिन्न प्रतियोगिताओं में सर्वोच्चता अर्जित करने वाले छात्रों व वार्षिक परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को भी पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सी.एम.एस. राजाजीपुरम (द्वितीय कैम्पस) की प्रधानाचार्या अरुणा नायडू ने कहा कि अब समय आ गया है जब शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन के एक प्रभावशाली उपकरण के रूप में प्रयोग किया जाना चाहिए। बच्चों को भौतिक व सामाजिक शिक्षा के साथ उनके चरित्र निर्माण तथा उनके हृदय में परमात्मा के प्रति प्रेम का विकास कर उन्हें संतुलित विश्व नागरिक बनाया जा सकता है।