घूस देने से मना करने पर 30 जीवित लोगों को घोषित किया मुर्दा, पेंशन रुकवाई
चंदौली : यूपी में योगी सरकार की मंशा साफ है कि सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, लेकिन चंद रुपए के लिए भ्रष्टाचारियों ने जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई को भी बदल दिया। ऐसा ही एक मामला चंदौली जिले में सामने आया है। जहां वृद्धा और विधवा पेंशन के 30 लोगों ने रिश्वत नहीं दी तो उसने जीवित होने के बावजूद इन लोगों को मार डाला, जहां समाज कल्याण विभाग, ग्राम प्रधान और सैक्रेटरी की मिलीभगत से 30 लोगों को मुर्दा घोषित कर दिया गया, जबकि वे जीवित हैं। वे भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन लोगों ने अपनी पेंशन की रकम से घूस देने से मना कर दिया।
दरअसल चकिया तहसील के पिपरिया गांव के इन लोगों को वृद्ध और विधवा पेंशन मिलती थी लेकिन पिछले एक साल से जब इनको पेंशन नहीं मिली तो ये लोग उस बैंक में गए जहां इनके खाते में पेंशन आती थी। वहां इन्हें बताया गया कि आपकी पेंशन नहीं आई है और आप जिले से पता कीजिए। पीड़ित बाबूराम ने बताया कि हम लोग समाज कल्याण के दफ्तर गए। वहां जानकारी दी गई कि आप लोगों की पेंशन बंद कर दी गई है क्योंकि ग्राम पंचायत अधिकारी की रिपोर्ट में आप लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है। बाद में जब इन लोगों ने शिकायत की तो चंदौली के एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि तत्काल सीओ को समाज कल्याण कार्यालय भेजा और मामले की प्राथमिक जांच कराई जिसमें स्पष्ट हुआ कि इन लोगों की शिकायत सही है। जिसको देखते हुए एसपी चंदौली ने इस मामले में गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने का आदेश दिया साथ ही उनका कहना है कि मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। इसकी निगरानी वह स्वयं करेंगे और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी।