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चंद मिनटों में विजय माल्या को फिर मिली जमानत

बैंकों के कर्जदार विजय माल्या को लंदन में गिरफ्तार करने के कुछ ही मिनटों बाद जमानत मिल गई.  माल्या को ED से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अरेस्ट किया गया था.

बता दें कि इससे पहले भी कुछ महीने पहले माल्या को अरेस्ट किया गया था और उस बार भी उन्हें गिरफ्तारी के कुछ देर बाद जमानत पर छोड़ दिया गया था. बताया जा रहा है कि इस बार की गिरफ्तारी उसी मामले में आगे की कार्रवाई है. माल्या के ऊपर कुछ और आरोप भी लगाए जा सकते हैं. गौर करने वाली बात है कि 6 महीने के भीतर माल्या की यह दूसरी गिरफ्तारी है.

ईडी की चार्जशीट के चलते हुई माल्या की गिरफ्तारी

आपको बता दें कि पहली बार माल्या की गिरफ्तारी सीबीआई द्वारा फाइल की गई चार्जशीट के आधार पर की गई थी. माल्या की दूसरी गिरफ्तारी ईडी द्वारा लंदन कोर्ट के सामने फाइन की चार्जशीट और साक्ष्यों के आधार पर की गई है. कोर्ट ने ईडी द्वार फाइल की गई चार्जशीट को संज्ञान में लिया जिसके बाद माल्या की गिरफ्तारी हुई.

ईडी ने ठहराया ‘सही कदम’

माल्या की गिरफ्तारी के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ईडी ने कहा, “कोर्ट की कार्रवाई सही दिशा में चल रही है और माल्या की गिरफ्तारी उसी ओर उठाया गया एक सही कदम है. लंदन कोर्ट द्वारा कुछ हिदायतें देने के बाद उनको बेल मिल सकती है. हम उम्मीद करते हैं कि 4 दिसंबर को माल्या के खिलाफ सुनवाई होगी.”

पहले कब हई थी गिरफ्तारी

माल्या को इससे पहले वेस्टमिंस्टर कोर्ट के आदेश के बाद 18 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था. हालांकि उस वक्त कुछ घंटों बाद ही माल्या को जमानत मिल गई थी.

क्या है माल्या का मामला?

इससे पहले, ब्रिटेन की सरकार ने भारत के प्रत्यर्पण के आग्रह को जिला जज को भेज दिया था. यह माल्या को भारत लाने और उन पर मुकदमा चलाने की दृष्टि से पहला कदम था. माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है.

कब से लंदन में हैं माल्या?

माल्या पिछले साल दो मार्च को ब्रिटेन चले गए थे. जबकि इसके कुछ दिन बाद ही उच्चतम न्यायालय ने माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से 30 मार्च, 2016 को पेश होने को कहा था. भारत ने इस साल आठ फरवरी को औपचारिक तौर पर ब्रिटेन सरकार को भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण संधि के तहत माल्या के प्रत्यर्पण का औपचारिक आग्रह किया था.

(पैसा करोड़ रुपए में)

एसबीआई-1600

 पीएनबी-800

आईडीबीआई-800

बैंक ऑफ इंडिया- 650

यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया-430

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया-410

यूको बैंक- 320

कॉर्पोरेशन बैंक-310

स्टेट बैंक ऑफ मैसूर-150

इंडियन ओवरसीज बैंक-140

फेडरल बैंक- 90

पंजाब एंड सिंध बैंक-60

एक्सिस बैंक-50

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