झारखण्डराज्य

चतरा की नाबालिग को 20 महीने बाद मिला न्याय: नाबालिग का हाथ पैर बांधकर और मुंह में कपड़ा ठूंस कर रेप करने वाले आरोपी को 22 साल सश्रम कारावास

जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश -तृतीय सुजीत कुमार सिंह की अदालत मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को 22 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया है। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश -तृतीय सुजीत कुमार सिंह की अदालत मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को 22 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया है। (फाइल फोटो)

चतरा में दुष्कर्म के आरोपी को गुरुवार को 22 साल सश्रम की सजा सुनाई गई है। सदर थाना क्षेत्र बरैनी गांव के भोला यादव के बेटे विलेश यादव को यह सजा सुनाई गई है। इसने अक्टूबर 2019 में एक नाबालिग का हाथ पैर बांधकर दुष्कर्म किया था।

जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश -तृतीय सुजीत कुमार सिंह की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को 22 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए का जुर्माना जमा करने का आदेश दिया है। यह राशि नहीं जमा करने पर उसे एक साल का और सश्रम कारावास की सजा काटनी पड़ेगी। जिला व अपर सत्र न्यायाधीश -तृतीय की अदालत ने इस मामले में करीब 20 महीने में ही फैसला सुना दिया है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे मामले की सुनवाई हुई है।

10 अक्टूबर 2019 को दर्ज हुआ था मामला

सजा पाने वाले विलेश यादव सदर थाना क्षेत्र के बरैनी गांव निवासी भोला यादव का पुत्र है। इसके विरुद्ध महिला थाना में 10 अक्टूबर 2019 को नाबालिग ने पोक्सो एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

बकरी चराने जंगल गई थी नाबालिग

बताया गया है कि पीड़िता 10 अक्टूबर की शाम पांच बजे बरैनी गांव के पास ही बोलटाल जंगल में बकरी चरा रही थी, इसी बीच विलेश यादव वहां पहुंचा और लड़की को पीछे से पकड़ लिया। इसके बाद दोनों हाथ और पैर बांध दिया और मुंह में कपड़ा ठुंस कर उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया।

10 गवाहों की गवाही सुनने के बाद पॉक्सो एक्ट का दोषी मानते हुए 22 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। न्यायालय में अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी जीके झा एवं अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता निर्मल दांगी ने बहस किया था।

 

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