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चली 46 लाख गोलियां, फिर भी नहीं खत्म हुआ तालिबान

british-army-5529eee2ebc9f_lलंदन: तालिबान इतनी आसानी से खत्म होने वाला नहीं है। ब्रिटिश सेना के हथियारों के खर्च के आंकड़े तो इसी ओर इशारा करते हैं। तालिबान के खिलाफ ब्रिटिश सेना की लड़ाई पिछले लगभग 8 साल से जारी है।

एक अंग्रेजी वेबसाइट की मानें तो इस दौरान ब्रिटिश सेना ने सिर्फ हथियारों पर ही लगभग 200 मिलियन डॉलर खर्च कर दिए हैं, लेकिन तालिबान का वजूद अभी तक बना हुआ है।

इस युद्ध में अब तक यूके के 453 सैनिक शहीद हो चुके हैं। माना जा रहा है कि पिछले 8 साल में ब्रिटिश सेना ने लगभग 46 लाख गोलियां चलाई हैं।

आकंड़ों को विश्लेषित करें तो पाएंगे कि ब्रिटिश सेना ने अफगानिस्‍तान में युद्ध के दौरान हर दिन 10 हजार और हर मिनट 7 राउंड की फायरिंग की है, लेकिन तालिबान अब भी जिंदा है।

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सैनिकों ने एसए-80 रायफल और मिनिमी मशीनगन का उपयोग करते हुए 5.56 एमएम के 27 लाख राउंड फायर किए हैं। वहीं, 9 एमएम बुलेट के लगभग 2 लाख राउंड फायर किए गए हैं। जाहिर है 9 एमएम के गन फायर के दौरान सैनिक और आतंकी कई बार एक-दूसरे के सामने आ चुके हैं।

सूचना के अधिकार के तहत मिले आंकड़ों के मुताबिक सैनिकों ने हर दिन अपनी असॉल्‍ट रायफल में 5 हजार पाउंड की गोलियों का उपयोग किया है। इन गोलियों के अलावा 105 एमएम के 80 हजार गोले भी सेना ने दागे हैं, जिसमें हर गोले की कीमत 1250 पाउंड थी।

जमीनी लड़ाई के अलावा इस युद्ध में सेना के अपाचे हेलिकॉप्‍टर्स ने 30 एमएम के 55 हजार राउंड फायर किए हैं। इसमें हर एक की कीमत 65 पाउंड थी।

 

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