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चांद पर जाने से पहले आर्मस्ट्रॉन्ग के पास नहीं थे बीमे के पैसे
एजेंसी/ मल्टीमीडिया डेस्क। दुनिया चांद पर पहला कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रॉन्ग और एडवर्ड एल्डरिन को जानती है लेकिन कम ही लोग हैं जो कुछ ऐसी बातें जानते हैं जो आर्मस्ट्रॉन्ग से जुड़ीं थीं। 20 जुलाई वही दिन है जिस दिन सन 1969 में इंसान ने चांद पर पहला कदम रखा था।
नासा के अपोलो 11 में सवार हो कर धरती से तीन इंसान चांद की सतह पर पहुंचे और उन्होंने इतिहास दर्ज कर दिया। इस दौरान आर्मस्ट्रॉन्ग और एडवर्ड अपने एक और साथी माइकल कॉलिन के साथ चांद पर महज ढाई घंटे रूके और कुछ सैंपल कलेक्ट करने के साथ ही चांद की सतह की पहली तस्वीरें ली।
इस ऐतिहासिक घटना की बरसी पर आज हम आपको बताते हैं नील आर्मस्ट्रान्ग से जुड़ी कुछ अनजानी बातें।
- जब नील का चयन अपोलो मिशन के लिए हुआ तो वो अश्चर्य से भरे हुए थे। लेकिन डर भी था कि उन्हें कुछ हो ना जाए। आर्मस्ट्रॉन्ग के पास उस वक्त इतने पैसे नहीं थे कि वो एस्ट्रॉनॉट्स के लिए होने वाला बीमा करवा लेते।
- एडविन एल्डरिन और माइकल कॉलीन के भी कुछ ऐसे ही हाल थे और तीनों ने अपने परिवार के भविष्य के लिए बड़ा कदम उठाया। चांद पर जाने से पहले उन्होंने अपने ढेर सारे ऑटोग्राफ दिए और अपने जानने वालों को भेजे। उनका मानना था कि अगर इस मिशन के दौरान उनकी जान जाती है तो यह ऑटोग्राफ बेचकर उनके परिवार के पास कुछ पैसे आ जाएगा।
- आर्मस्ट्रॉन्ग को ड्रायविंग और फ्लाइंग का बड़ा शौक था। महज 16 साल की उम्र में उन्हें स्टूडेंट्स पायलट लाइसेंस मिल चुका था।
- वो जब 10 साल के थे तब वो एक डॉलर प्रतिदिन पर ओहियो के वापाकोनेटा में बने श्मशान में घास काटने का काम करते थे। ओहियो में ही नील का जन्म हुआ था।
- जिस उम्र में दूसरे बच्चे ड्रायविंग सीख रहे थे, नील विमान के कॉकपीट में बैठे थे।
- नील ने 1947 में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की लेकिन उनकी पढ़ाई बीच में रूक गई क्योंकि उन्हें कोरिया युद्ध में जाना पड़ा। यूएस नेवी के पायलट के रूप में नील ने 78 कॉम्बेट मिशन के लिए उड़ान भरी।
- 1952 में नेवी छोड़ नील ने नेशनल एडवाइजरी कमेटी फॉर एस्ट्रोनॉट्स (NACA)जॉइन कर ली जो बाद में नासा(NASA) के नाम से पहचानी जाने लगी।
- मिशन पूरा कर धरती पर आने के बाद तीनो एस्ट्रोनॉट्स को तीन हफ्ते के लिए क्वारंटाइन में रखा गया था।
- चांद पर पहला कदम रखते वक्त उनके वो शब्द ‘आदमी के लिए एक छोटा सा कदम मानव जाति के लिए एक विशाल छलांग है’ अमर हो गए।
- आर्मस्ट्रॉन्ग जेमिनी 8 मिशन के कमांड पायलट भी रहे थे।