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चारधाम यात्रा: हेलिकॉप्टर से आने वाले श्रद्धालुओं को नहीं मिलेगा VIP दर्शन
देहरादून. गंगोत्री,यमुनोत्री के गेट इस बार 28 अप्रैल से खुल जाएंगे। इसी के साथ चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। केदारनाथ धाम के गेट 3 मई को खुलेंगे। चर्चा है कि पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ गेट खुलने के समय पर उत्तराखंड आ सकते हैं। तैयारियों पर खूब खर्च हो रहा है, इंतजाम अच्छे बताए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जिस रास्ते से चारधाम यात्रा कराए जाने के दावे किए जा रहे हैं, उसकी हालत अभी खराब है। इंतजामों की सुस्ती पर रुद्रप्रयाग की डीएम रंजना ने हाल ही में सख्त कदम उठाते हुए 10 इंजीनियरों की सैलरी रोक दी। वीआईपी कल्चर को रोका गया..
– इस बार चारधाम यात्रा में कई चीजें पहली बार भी हो रही हैं। जैसे हेलिकॉप्टर से आने वाले यात्रियों को मिलने वाले वीआईपी कल्चर को रोका गया है। यानी हेलिकॉप्टर से यात्रा करने वालों को वीआईपी दर्शन की खास फैसिलिटी नहीं होगी। इस पर लोगों को बड़ा एतराज था।
– इधर, यात्रा के लिए इस बार वॉर्निंग सिस्टम तैयार किया गया है। नए इंतजाम में बाहर से आने वाले ड्राइवरों को 8 घंटे से ज्यादा गाड़ी चलाने की परमिशन नहीं होगी।
बस सेवा 20 फीसदी महंगी, पुशबैक का किराया 4480 रु.
– हर चेक पोस्ट पर निगरानी होगी। हर यात्री को ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे और फोटोमेट्रिक्स के जरिए उनका ब्योरा रखा जाएगा। यह रजिस्ट्रेशन मुफ्त होगा। कुल 16 सेंटर्स पर रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे।
– हर चेक पोस्ट पर निगरानी होगी। हर यात्री को ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे और फोटोमेट्रिक्स के जरिए उनका ब्योरा रखा जाएगा। यह रजिस्ट्रेशन मुफ्त होगा। कुल 16 सेंटर्स पर रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे।
– इसके अलावा आधार कार्ड के जरिए ऑनलाइन भी रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है।
– इधर सिविल एविएशन डिपार्टमेंट अभी तक केदारनाथ मंदिर तक पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर ऑपरेटर अप्वाइंट नहीं कर सका है। स्टेट गवर्नमेंट ने इंडिया फ्लाई सेफ एविएशन लिमिटेड का टेंडर रद्द कर दिया है। नए हेलिकॉप्टर सर्विस के इंतजाम के लिए अब बहुत कम वक्त बचा है।
हादसों से निपटने के लिए केंद्र ने दिए 7 हजार करोड़
– एक तरफ हवाई किराया बढ़ाने की तैयारी है तो दूसरी तरफ अभी तक एयर सर्विसेस के लिए ब्लूप्रिंट भी तय नहीं हुआ है।
– एक तरफ हवाई किराया बढ़ाने की तैयारी है तो दूसरी तरफ अभी तक एयर सर्विसेस के लिए ब्लूप्रिंट भी तय नहीं हुआ है।
– इसके अलावा इस साल भी चारधाम यात्रा पर आने वाले ज्यादातर तीर्थयात्रियों को बीमा सुरक्षा कवच (बीमा सेफ्टी कवर) का फायदा नहीं मिल पाएगा।
– पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक, हादसों से निपटने के लिए केंद्र ने 7 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इसमें से राज्य सरकार अभी तक रीकंस्ट्रक्शन, मुआवजा और सभी तरह के राहत कामों में 1500 करोड़ खर्च कर चुकी है। केदारनाथ धाम के रीकंस्ट्रक्शन पर खास फोकस किया गया है।
– सेंट्रल पैकेज में इस काम के लिए 267 करोड़ मिले हैं, जिसमें से अभी तक 150 करोड़ खर्च किया जा चुका है। केदारनाथ में पैदल रास्ते और फैसिलिटी पर काफी काम किया गया है, लेकिन हालात में ज्यादा अंतर नहीं आया है।
– कैग की ताजा रिपोर्ट में भी केदारनाथ में कंस्ट्रक्शन को लेकर आपत्ति जताई गई है, जहां दो हेलिपेड पर अलग-अलग तरीके से खर्च करने पर सवाल उठाया गया है। रिपोर्ट में ज्योग्राफिकल सर्वे से पहले ही कंस्ट्रक्शन करवाने पर भी एतराज उठाया गया है।
– केदारनाथ के एमएलए मनोज रावत का कहना है कि रामबाड़ा से केदारनाथ तक के रास्ते खराब है। 10 हजार यात्री रोज आएंगे, लेकिन उनके लिए कोई इंतजाम नहीं है। टैंट तक तो यहां आए नहीं है। जबकि, स्टेट टूरिज्म मिनिस्टर सतपाल महाराज ने कहा है कि हमारी तैयारियां पूरी है। सारे इंतजाम जल्द कर देंगे।
केदारनाथ : छह जगहों पर रास्ता बंद
– केदारनाथ पैदल मार्ग पर ज्यादा बर्फबारी के कारण इस बार 6 जगहों पर रुकावट है, जिसे हिमखंड काटकर बनाया जाना है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच हाईवे के सिंगल लेन होने के कारण यात्रा सीजन में जाम की समस्या खड़ी हो सकती है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक तीन स्लाइडिंग जोन भी हैं। इन जगहों पर हल्की बारिश में भी पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हो जाते हैं और रास्ता बंद हो जाता है।
– केदारनाथ पैदल मार्ग पर ज्यादा बर्फबारी के कारण इस बार 6 जगहों पर रुकावट है, जिसे हिमखंड काटकर बनाया जाना है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच हाईवे के सिंगल लेन होने के कारण यात्रा सीजन में जाम की समस्या खड़ी हो सकती है। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक तीन स्लाइडिंग जोन भी हैं। इन जगहों पर हल्की बारिश में भी पहाड़ी से पत्थर गिरने शुरू हो जाते हैं और रास्ता बंद हो जाता है।
– इसी तरह रामबाड़ा से केदारनाथ तक पांच जगह भारी भरकम ग्लेशियर जमा हैं। कई जगह रेलिंग नहीं लगी है और घोड़े, खच्चर भी नहीं पहुंच पा रहे हैं।
– केदारनाथ के भीमबली, छोटी लिंचोली, बड़ी लिंचोली बेस कैंप में 2760 यात्रियों के रहने के इंतजाम किए गए हैं। यहां पर 10 बिस्तर क्षमता के 100 टेंट लगाने की भी प्लानिंग है। केदारनाथ में पहली बार व्यू प्वाइंट बनाया गया है, जहां से लोग इस नजारे को देख सकेंगे।
बदरीनाथ : रड़ांग बैंड में नया लैंड स्लाइडिंग जोन
– बदरीनाथ धाम की यात्रा में अभी तक लामबगड़ स्लाइडिंग जोन ही रोड़ा बनता था, लेकिन इस बार रड़ांग बैंड में नया स्लाइडिंग जोन उभरने से यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है।
– बदरीनाथ धाम की यात्रा में अभी तक लामबगड़ स्लाइडिंग जोन ही रोड़ा बनता था, लेकिन इस बार रड़ांग बैंड में नया स्लाइडिंग जोन उभरने से यात्रियों की परेशानी बढ़ सकती है।
– ये सारे हालात तब हैं, जब इन कामों पर करोड़ों रुपया खर्च हो चुका है। बदरीनाथ हाईवे पर कई स्लाइडिंग जोन रुकावट बनते रहे हैं। बदरीनाथ तक गाड़ियां जाती हैं। इसे बैकुंठधाम भी कहा जाता है।
यमुनोत्री : हर एक किमी पर मेडिकल फैसिलिटी
यमुनोत्री का 6 किमी का पैदल मार्ग ठीक तो किया गया है, लेकिन संकरा है। यहां हर किमी पर मेडिकल टीम रहेगी। जानकीचट्टी से यमुनाेत्री तक 5 टीमें रहेंगी।
यमुनोत्री का 6 किमी का पैदल मार्ग ठीक तो किया गया है, लेकिन संकरा है। यहां हर किमी पर मेडिकल टीम रहेगी। जानकीचट्टी से यमुनाेत्री तक 5 टीमें रहेंगी।
गंगोत्री : सड़क पक्की करने का काम जारी
इस साल गंगोत्री की यात्रा पर श्रद्धालुओं को हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे। भैरोंघाटी से गंगोत्री के बीच कच्ची सड़क खराब है, जिसे पक्का बनाया जा रहा है। भैरोंघाटी से गंगोत्री के बीच सड़क को चौड़ा किया जा चुका है। गिट्टी भी बिछा दी गई है।
इस साल गंगोत्री की यात्रा पर श्रद्धालुओं को हिचकोले नहीं खाने पड़ेंगे। भैरोंघाटी से गंगोत्री के बीच कच्ची सड़क खराब है, जिसे पक्का बनाया जा रहा है। भैरोंघाटी से गंगोत्री के बीच सड़क को चौड़ा किया जा चुका है। गिट्टी भी बिछा दी गई है।