देहरादून : उत्तराखंड में दो साल पहले आई भयंकर बाढ़ ने चार धाम यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया था। अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि पहले दिन इस वार्षिक हिंदू तीर्थ यात्रा ने तेजी से शुरू होने के संकेत दिए। राज्य में 2013 में आई भयावह बाढ़ में हजारों लोग मारे गए थे। इसके बाद कुछ ही पर्यटकों ने यहां के चार तीर्थस्थलों-केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री की यात्रा करने में रुचि दिखाई। राज्य के अधिकारियों ने कहा कि चार धाम यात्रा के पहले दिन यमुनोत्री व गंगोत्री के कपाट खुलने पर श्रद्धालुओं की संख्या में थोड़ा इजाफा देखा गया। पहले दिन 12 राज्यों से करीब 3,000 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री, जबकि अन्य 3,000 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री की यात्रा की। उत्तराखंड सरकार अब इन तीर्थस्थलों पर पहुंचने वालों का पंजीकरण कर रही है और उनकी संख्या पर नजर रख रही है। पहले दिन 55 विदेशी पर्यटकों ने भी तीर्थस्थलों का दौरा किया। घरेलू पर्यटक मुख्य रूप से कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली व उत्तर प्रदेश से आए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बताया कि उन्होंने यहां आए कुछ पर्यटकों से खुद बात की। वे सभी लोग इंतजामों से संतुष्ट थे। रावत ने यह भी बताया कि गंगोत्री व यमुनोत्री में निजी कुटिया और अन्य सरकारी आवास में 200 से ज्यादा कमरे आरक्षित किए गए हैं। 750 कमरे ऑनलाइन बुक हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि केदारनाथ एवं बद्रीनाथ मंदिर के कपाट क्रमश: 24 एवं 26 अप्रैल को खुलेंगे।
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