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चार बैंकों पर सरकार की नजर

img_20161101093554-1कालेधन के खिलाफ नोटबंदी को रामबाण मानकर चल रही सरकार नए नोटों से काली कमाई को सफेद करने में बैंकों की मिलीभगत सामने आई है।

वित्तीय खुफिया विभाग (एफआईयू) ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि बड़े पैमाने पर गैरकानूनी या अघोषित आय को बैंकों के रास्ते नोटबंदी के बाद सफेद किया गया है।
विभाग ने पांच निजी बैंकों की एक सूची भी सौंपी है। मंत्रालय ने उनके गोरखधंधे की पड़ताल विभिन्न एजेंसियों को सौंप दी है।
एफआईयू के सूत्रों के मुताबिक सभी केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां बैंकों और उनके अधिकारियों व कर्मचारियों की गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं। सार्वजनिक-निजी सभी बैंकों की उन शाखाओं को चिन्हित किया गया है जिनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं।
देश के चार प्रमुख निजी बैंकों की सौ से भी ज्यादा शाखाएं और उनके शीर्ष अधिकारी संदेह के घेरे में हैं जहां से नोट बदलने की व्यवस्था समाप्त होने के बाद से बचत खातों में लगातार जमा-निकासी हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक कई वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक और केंद्रीय प्रत्यक्ष कर विभाग (सीबीडीटी) समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियों के बीच बैंकों की कारगुजारी पर बैठक हुई है। इसमें उस सूची पर भी चर्चा हुई है जिसमें पांच निजी बैंकों के नाम है। सूत्रों के मुताबिक निजी के अलावा सार्वजनिक बैंकों पर भी एक रिपोर्ट भी है और मंत्रालय की ओर से आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और राज्य की एजेंसियों को एफआईयू की रिपोर्ट पर पड़ताल करने को कहा

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