उत्तराखंड

चार साल में रोकेंगे प्रदेश से पलायन: हरीश रावत

दस्तक टाइम्स/एजेंसी-उत्तराखंड: gochar-fair-start-56479746c6c34_exlstमुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि कृषि, शिक्षा और पशुपालन विकास के तीन मंत्र हैं। इनके बिना किसी भी गांव, प्रदेश और देश का विकास संभव नहीं है।
प्रदेश सरकार पहाड़ में कृषि, शिक्षा और पशुपालन पर ही खास फोकस कर रही है और कल्याणकारी योजनाओं के बलबूते वह अगले चार वर्षों में पहाड़ से पलायन को रोकने में कामयाब होंगे। यही नहीं सात वर्षों में स्थितियां ऐसी बन जाएंगी कि गांव छोड़कर गए लोग दोबारा गांव में बसने के लिए आने लगेंगे।
मुख्यमंत्री रावत शनिवार को यहां गौचर औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे। बाल दिवस पर चाचा नेहरू को याद करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है।
शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर जोर देते उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 100 महाविद्यालय, 12 विश्वविद्यालय, आठ इंजीनियरिंग कालेज, आठ नर्सिंग कालेजों सहित ढाई लाख की आबादी पर पालीटेक्निक और 12 हजार की आबादी पर आईटीआई संचालित हो रहे हैं, इसके बावजूद प्रदेश में काबिल युवकों की कमी हो रही है।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने गौचर मेले की नींव रखने वाले पत्रकार स्व. गोविंद प्रसाद नौटियाल की मूर्ति एवं पं. नेहरू के चित्र का माल्यार्पण किया और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भीम सिंह बिष्ट, बख्तावर सिंह को शॉल देकर सम्मानित किया। विधायक डॉ. एपी मैखुरी, नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश नेगी, स्वागत समिति के अध्यक्ष विजय प्रसाद डिमरी ने भी विचार रखे।
कार्यक्रम में कपकोट के विधायक ललित फर्स्वाण, वन निगम के अध्यक्ष हरीश धामी, चाय विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष देवेंद्र झिक्वांण, डीएम विनोद कुमार सुमन, मेलाधिकारी विवेक प्रकाश, एसपी सुनील कुमार मीणा, गैरसैंण के एसडीएम केएस नेगी, एसओ पीसी भट्ट सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद थे। संचालन रमेश सिदोला और अर्जुन नेगी ने किया।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि सड़कें गांवों के विकास के लिए बनाई जा रही हैं लेकिन स्थानीय लोगों को इसके लाभ से वंचित हैं। गांवों के उत्पाद जैसे दूध, सब्जी, फल आज भी इन सड़कों से बाजारों में नहीं पहुंच रहे हैं, बल्कि मेरठ, सहारनपुर, ज्वालापुर का यूरिया मिला हुआ दूध और रसायन मिली हुई सब्जियां इन सड़कों से गांवों तक पहुंच रही है। इससे गांवों में कई तरह की बीमारियां हो रही हैं।

जेल में लिखी थी गौचर और जौलजीवी मेले की पटकथा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई में पं. नेहरू और गोविंद नौटियाल पहाड़ के अन्य नेताओं के साथ जेल में बंद थे। तभी पं. नेहरू ने पहाड़ के नेताओं को गौचर और जौलजीवी मेले को शुरू करने के लिए प्रेरित किया था।
ये हुई घोषणाएं
-सूगी में बारातघर।
-देवलीबगड़ में खेल मैदान।
-मैखोली स्कूल में दो अतिरिक्त कक्षा कक्ष।
-कन्या जूनियर हाईस्कूल बौंला में दो अतिरिक्त कक्षा कक्ष।
-गौचर नगर पालिका के लिए 50 लाख की मंजूरी।
-वर्ष 2016 में गौचर के लिए इंडोर स्टेडियम।
-मांग पत्र के अध्ययन के बाद तीन सड़कों की स्वीकृति।

 

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