व्यापार
चालू खाते का घाटा बढ़ा, आयात-निर्यात में आया बड़ा अंतर
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के मुकाबले दूसरी तिमाही में व्यापार घाटा बढऩे से चालू खाते का घाटा (कैड) भी बढ़कर 8.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 1.6प्रतिशत है।
अप्रेल-जून की तिमाही में कैड 6.1 अरब डॉलर (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) रहा था। रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, दूसरी तिमाही में वस्तुओं के आयात और निर्यात का अंतर यानि व्यापार घाटा 37.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो पहली तिमाही में 34.2 अरब डॉलर पर था। इस दौरान सेवा क्षेत्र के निर्यात से प्राप्त आय में भी कमी आई है। दूसरी तिमाही में प्रवासियों की ओर से भेजे गए पैसे तथा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में भी कमी आई है।
निवेशकों ने निकाले 6.5 अरब डॉलर
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में पूंजी बाजार से 6.5 अरब डॉलर निकाले, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में उन्होंने 9.8 अरब डॉलर का शुद्ध निवेश किया था। अनिवासी भारतीयों के निवेश में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 0.9 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई।