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चिंताजनक: बोकारो जिले में प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ रहा बांझपन

bokaro-26-09-2016-1474853351_storyimageझारखंड के बोकारो जिले में प्रदूषण के कारण महिलाओं में बांझपन बढ़ रहा है। सबसे अधिक खतरा कोलियरी इलाकों में बढ़ा है। जहां तापमान में बढ़ोत्तरी के साथ लाइफ स्टाइल में बदलाव के कारण महिलाएं बांझपन से जूझ रही हैं। जिले के आंकड़ों पर गौर करें तो बोकारो जेनरल हॉस्पीटल और अन्य निजी क्लीनिकों में बांझपन की करीब 200 मरीज हर माह बोकारो पहुंच रही हैं। इनमें से अधिकतर मरीज टीबी से प्रभावित बताई जा रही हैं।बोकारो सहित आसपास के इलाकों में प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत की दर से महिलाओं के बांझपन में बढ़ोत्तरी हो रही है। इसका सबसे अधिक प्रभाव बोकारो के बेरमो, धनबाद के कोलियरी क्षेत्र व पुरुलिया और बांकुड़ा जिले के कई इलाकों में पड़ा है। उक्त स्थानों से बोकारो में लगातार महिलाएं इलाज के लिए आ रही हैं।

गर्भाशय की नली होती है प्रभावित
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं टीबी रोग से ग्रसित हो रही हैं। लंबा समय बीत जाने के बाद रोग का पता चलता है। चिकित्सकों के मुताबिक टीबी के कारण महिलाओं के गर्भाशय की नली प्रभावित होती है। इस कारण भ्रूण नहीं बन पाता और महिलाएं बांझपन का शिकार हो जाती हैं। ऐसे में टेस्ट ट्यूब बेबी का तरीका सामने बचता है।

सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी अस्पतालों में बांझपन के मामले सामने आ रहे हैं। प्रदूषण वाले इलाकों में इसका खतरा अधिक है।
-डॉ सोबान मुर्मू, सिविल सर्जन

प्रदूषण और लाइफ स्टाइल में परिवर्तन के कारण महिलाओं में बांझपन बढ़ रह है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

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