अन्तर्राष्ट्रीय

चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार संयुक्त रूप से 3 वैज्ञानिकों को

दस्तक टाइम्स / एजेंसी
helth nobelस्टॉकहोम: चिकित्सा के क्षेत्र में साल 2015 का नोबेल पुरस्कार आयरलैंड में जन्मे विलियम कैंपबेल, चीन की तू यूयू व जापान के सातोशी ओमूरा ने जीता है। नोबेल एसेंबली ने स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में सोमवार को यह घोषणा की। विलियम सी कैम्पबेल और जापान के सातोशी ओमूरा को गोल कृमि परजीवी से होने वाले संक्रमण की नई दवा बनाने के लिए, जबकि चीन की यूयू तू को मलेरिया के इलाज की नई थेरेपी में अहम योगदान के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा। मलेरिया को मिटाने के प्रयास नाकाम हो चुके हैं। पुरानी दवाएं मलेरिया के इलाज में क्षमता खो रहा है, जिसके कारण लोग लगातार इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बीजिंग मेडिकल युनिवर्सिटी से स्नातक कर चुकीं प्रोफेसर यूयू ने इस बीमारी के प्रभावी इलाज के लिए एक पारंपरिक जड़ी-बूटी को अपनाया।
इसके लिए उन्होंने ‘अरटेमिसिया एनुआ’ नामक पौधे के रस को लिया और मलेरिया परजीवी पर इसके प्रभाव का परीक्षण करना शुरू कर दिया। इससे प्राप्त अवयव ‘अर्टेमिसिनिन’ परजीवी को मारने में बेहद कारगर साबित हुई है। जापान के माइक्रोबायोलॉजिस्ट सातोशी ओमूरा ने मिट्टी के नमूनों में रोगाणुओं का अध्ययन किया और गोलकृमि के खिलाफ कई परीक्षणों को अंजाम दिया। वहीं, अमेरिका में कार्यरत व परजीवी जीव विज्ञान के विशेषज्ञ सी कैंपबेल ने सातोशी के परीक्षण को आगे बढ़ाया और परजीवी के खिलाफ बेहतरीन दवा की खोज की

Related Articles

Back to top button