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चीनी की कीमत गिरने से, चीनी मिलों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा

इन दिनों चीनी उद्योग कीमतों को लेकर संकट में है.चीनी की कीमतें लगातार गिरने से चीनी मिलों की लागत भी नहीं निकल रही है, जबकि दूसरी ओर किसानों को भुगतान का भी दबाव है . ऐसे में सरकार चीनी बाजार को फिर अपने नियंत्रण में लेना चाहती है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीनी को लेकर आज शाम तक सरकार कोई फैसला ले सकती है.चीनी की कीमत गिरने से, चीनी मिलों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा

उल्लेखनीय है कि चीनी कीमतों में आई गिरावट से चीनी मिलों को लागत निकालना मुश्किल हो रहा है.चालू पेराई सीजन में चीनी के उत्पादन में वृद्धि होने से भाव में गिरावट आई है. उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव घटकर 3,125 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल (टैक्स अलग) पर आ गए हैं . ऐसे में सरकार चीनी मिलों की मांग पर फैसला ले सकती है.ऐसी सम्भावना है कि फरवरी के 86 फीसदी स्टॉक को होल्ड किया जा सकता है , ताकि सभी मिलें तय मात्रा में ही चीनी बेच सके.  इन हालातों में कोटा व्यवस्था लागू करना ही एकमात्र उपाय है .

आपको जानकारी दे दें कि वर्ष 2012 में उद्योग को राहत देने के नाम पर सरकार ने चीनी पर से नियंत्रण हटा लिया था. लेकिन अब फिर से राहत देने के लिए ही सरकार को दोबारा कोटा व्यवस्था लागू करना पड़ सकती है. जबकि ग्राहक अभी सस्ती शकर मिलने से खुश है .लेकिन कोटा लागू हो जाने पर निश्चित ही कीमतों में वृद्धि होगी, तब ग्राहक के मुंह का स्वाद बदल जाएगा.

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