चीनी निर्यात सब्सिडी बढ़कर 3,371 रुपये प्रति टन संभव
नयी दिल्ली। खाद्य मंत्रालय अगस्त सितंबर की अवधि में कच्ची चीनी पर निर्यात सब्सिडी को बढाकर 3,371 रुपये प्रति टन कर सकता है। पूर्व में दो महीने के लिए यह सब्सिडी 3300 रुपये प्रति टन तय की गई थी। फरवरी में पूर्ववर्ती सरकार ने 2013-14 और 2014-15 विपणन वर्ष के दौरान 40 लाख टन तक कच्ची चीनी के निर्यात के लिए सब्सिडी की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य नकदी संकट से जूझ रहे चीनी उद्योग को गन्ना किसानों को बकाया के भुगतान में मदद करना था। केंद्र ने फरवरी मार्च अवधि के लिए सब्सिडी 3300 रुपये प्रति टन तय की थी और हर दूसरे महीने इसकी समीक्षा का फैसला किया था। अप्रैल मई अवधि के लिए कच्ची चीनी निर्यात पर सब्सिडी घटाकर 2277 रुपये प्रति टन कर दी गई। नये खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने जून जुलाई के लिए निर्यात सब्सिडी को बढाकर 3300 रुपये प्रति टन कर दिया। सूत्रों ने बताया कि औसत वैश्विक कच्ची चीनी कीमतों तथा जुलाई महीने के अंतिम सात दिनों में विदेशी मुद्रा विनियम दर को ध्यान में रखते हुए खाद्य मंत्रालय ने अगस्त सितबंर के दौरान निर्यात प्रोत्साहन 3371 रुपये प्रति टन आंका है। इस आशय के प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए खाद्य मंत्रालय के पास भेजा गया है। चीनी उद्योग ने मौजूदा वित्त वर्ष में 31 जुलाई तक गन्ना किसानों को 47,852 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। अभी तक 9252 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है। इस बकाया राशि में उत्तरप्रदेश की चीनी मिलों पर 5,741.74 करोड़ र, कर्नाटक की मिलों पर 1794.68 करोड़ रुपये तथा तमिलनाडु की मिलों पर 504.40 करोड़ रुपये बकाया है।