चीन की बढ़ी मुसीबतें; अमेरिकी संसद में हांगकांग प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पास हुआ बिल
हांगकांग के मुद्दे पर दो तरफा घिरे चीन के लिए अमेरिका मुसीबत बन रहा है। यहां की संसद ने प्रदर्शनकारियों के हक में एक बिल पास कर चीन को चिढ़ाने का काम किया है। ये प्रदर्शनकारी लोकतांत्रिक आजादी को लेकर पिछले छह माह से आंदोलन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए चीन का रवैया भी लगातार सख्त होता जा रहा है। इसी के चलते चीन और हांगकांग की सरकार पर अब मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लग रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका लगातार प्रदर्शनकारियों के समर्थन में बयानबाजी कर रहा है।
यही वजह है कि चीन और अमेरिका के बीच रिश्ते लगातार खराब हो रहे हैं। ट्रेड वार के बाद इन रिश्तों में गिरावट की यह दूसरी बड़ी वजह बना है। इस बिल को कानून बनाने के लिए जरूरी होगा कि अमेरिका का विदेश मंत्रालय हांगकांग को मिले विशेष दर्जे और व्यापार में मिली छूट की सालाना समीक्षा करे।
गौरतलब है कि हांगकांग को यही विशेष दर्जा इसे चीन से अलग करता है। यदि इसके संवैधानिक ढांचे से किसी तरह की छेड़छाड़ होती है या इसको मिले विशेष दर्जे में बदलाव किया जाता है तो अमेरिका को हांगकांग के साथ हो रहे व्यापार पर विचार करना होगा।
अमेरिकी सीनेट में पास किए गए बिल को ‘हांगकांग ह्यूमन राइट्स एंड डेमोक्रेसी एक्ट’ नाम दिया गया है। कांग्रेस में भी इसको पूरा समर्थन मिला है। इस बिल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के बाद यह कानून में तब्दील हो जाएगा।
जहां तक ट्रंप की बात है तो मानवाधिकार से जुड़े मामलों में वह कम ही अपनी राय व्यक्त करते हैं। इसी वजह से ट्रंप ने इस बिल पर अभी तक कोई भी बयान नहीं दिया है। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका से इस बिल को जल्द ही कानून बनाने की अपील की है।