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चीन की सतर्कता से बीजिंग में प्रदूषण हुआ कम, दिल्ली में तेजी से बढ़ा

ठंड शुरू होते ही दिल्ली वायु प्रदूषण और जबरदस्त कोहरे की चपेट में हैं. दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की सुस्ती के चलते राष्ट्रीय राजधानी की हवा जहरीली हो गई है, जिसके चलते लोगों का सांस लेना तक दूभर हो गया है. वहीं, ठंड के दौरान चीन ने अपनी राजधानी बीजिंग को ऐसी परेशानियों से बचाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.चीन की सतर्कता से बीजिंग में प्रदूषण हुआ कम, दिल्ली में तेजी से बढ़ा

चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही के दौरान चीन की राजधानी बीजिंग में प्रदूषण काफी कम हुआ है, जबकि दिल्ली में प्रदूषण में तेजी से इजाफा हुआ है. बुधवार को चीन सरकार ने कहा कि शीतकाल के दौरान हवा को साफ सुथरा रखने और प्रदूषण के कारण होने वाले कोहरे से बचने के लिए कड़े मापदंड अपनाए गए हैं.

इससे ठंड के मौसम में चीन की राजधानी बीजिंग में प्रदूषण से होने वाली दिक्कत से निपटने में मदद मिलेगी. चीन ने कंस्ट्रक्शन में रोक लगाने से लेकर ऑड-इवन फॉर्मूले को लागू कर दिया है. साथ ही ठंड में कोयले की खपत को कम करने के लिए गैस-फायर संयंत्रों का संचालन शुरू कर दिया है. अधिकारियों के मुताबिक इन गैस-फायर संयंत्रों के शुरू होने से 92 लाख टन कोयले की खपत कम होगी.

दरअसल, चीन में ठंड शुरू होते ही कोयले की खपत में इजाफा हो जाता है. इसके अलावा निर्माण कार्यों पर भी लगाम लगाया गया है. चीन की समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक बीजिंग में वायु प्रदूषण रोकने के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में नौ कंस्ट्रक्शन कंपनियों के प्रोजेक्टों पर अगले 30 दिन के लिए रोक लगा दी गई है.

बीजिंग के पर्यावरण संरक्षण म्यूनिसिपल ब्यूरो के मुताबिक गैर कानून तरीके से कंस्ट्रक्शन मटेरियल ले जा रहे 3,000 से ज्यादा ट्रकों को पकड़ा गया है. साथ ही रविवार से अब तक ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले 1,500 वाहनों को बीजिंग में प्रवेश करने से रोका जा चुका है. इसके अलावा प्रदूषण रोकने के लिए 751 कंपनियों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें से 47 कंपनियों में गड़बड़ी पाई गई है. 

इसके अलावा प्रदूषण को रोकने के लिए बीजिंग और उससे सटे प्रांतों में वाहनों के इस्तेमाल को कम करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं.  यही वजह है कि जहां दिल्ली में प्रदूषण लगातार तेजी से बढ़ रहा है, वहीं चीन में कम हो रहा है. बीजिंग में इस साल की पहली तिमाही के दौरान PM 2.5 पार्टिकुलेट के घनत्व में 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के हिसाब से कमी आई है. शिन्हुआ के मुताबिक इस साल PM 2.5 पार्टिकुलेट का घनत्व घटकर 3.2 फीसदी हो रह गया है, जो साल 2013 में 34.8 फीसदी था.

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