चीन के मुसलमान अब हलाल उत्पादों का नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल
दरअसल, इस प्रांत में हलाल के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया है, जिसमें प्रशासन को ये आदेश दिया गया है कि सभी तरह के हलाल उत्पादों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए, क्योंकि इससे समुदाय विशेष में धार्मिक कट्टरता बढ़ सकती है। सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान के जरिए मुसलमानों की जिंदगी को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं, सरकार का कहना है कि हलाल उत्पादों के इस्तेमाल में कमी लाने के उद्देश्य से ऐसा प्रतिबंध लगाया गया है।
बता दें कि मांसाहारी खाना खाने के लिए मुसलमानों के बीच हलाल पद्धति का इस्तेमाल किया जाता है। इसे इस्लामिक धार्मिक मान्यता के अनुसार माना जाता है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि पिछले कुछ समय से हलाल उत्पादों के इस्तेमाल में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है, जिससे धार्मिक कट्टरता बढ़ने की आशंका बढ़ गई है। गौरतलब है कि चीन में बहुत कम संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग है। शिंजियांग प्रांत में जो भी उईगर समुदाय के मुस्लिम बहुसंख्यक हैं, उनके खिलाफ पहले से ही चीन सरकार कई चीजों को लेकर उनका दायरा सीमित कर चुकी है।
हाल ही में चीन सरकार ने 16 साल से कम उम्र के मुस्लिम बच्चों को नमाज और इस्लामिक शिक्षा से दूर रहने के लिए कहा था। इसके अलावा सरकार ध्वनि प्रदूषण का तर्क देते हुए सभी 355 मस्जिदों से लाउड स्पीकरों को हटाने के लिए पहले ही आदेश दे चुकी है। मस्जिदों के ऊपर चीन का राष्ट्रीय झंडा लगाने का भी आदेश दिया गया है। वहीं, मुस्लिमों के दाढ़ी रखने पर भी यहां पाबंदी लगाई गई है।