चीन : द्वितीय विश्वयुद्ध की बरसी पर कैदियों को क्षमादान
बीजिंग। चीन की शीर्ष विधायिका ने द्वितीय विश्वयुद्ध की समाप्ति की 7०वीं बरसी तीन सितंबर से पूर्व मौके पर युद्ध कैदियों को क्षमादान देने के एक प्रस्ताव को पारित कर दिया है। इसके तहत हजारों पूर्व युद्ध सैनिकों, पूर्व सैनिकों, युवा और शारीरिक रूप से कमजोर कैदियों को आधिकारिक रूप से क्षमादान दिया जाएगा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शनिवार को इस प्रस्ताव को लागू कर दिया। इससे पहले चीन ने 1975 में युद्ध अपराधियों को क्षमादान दिया था। चीन ने इसके पहले 1959 में गैर युद्ध अपराधियों को पहली बार क्षमादान दिया था। 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना के बाद क्षमादान का यह आठवां प्रस्ताव है।
समाज के लिए खतरा नहीं माने गए कैदियों की चार श्रेणियां बनाई गई हैं, जो निम्न प्रकार हैं :-
1) जापानी आक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध युद्ध लड़ चुके अपराधी और कुओमिनतांग के खिलाफ गृहयुद्ध लड़ने वाले अपराधी।
2) 1949 के बाद देश की संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय एकता की सुरक्षा के लिए युद्धों में हिस्सा ले चुके अपराधी।
3) 75 वर्ष और इससे अधिक आयु के अपराधी और शारीरिक रूप से अपंग अपराधी, जो खुद की देखभाल नहीं कर सकते।
4) 18 वर्ष से कम उम्र में अपराध कर चुके और जेल में अधिकतम तीन साल बिता चुके अपराधी, या जिनकी एक साल से कम कारावास की सजा बाकी रह गई हो। हालांकि इसमें हत्या, दुष्कर्म, आतंकवाद और नशीले पदार्थों से संबंधित अपराधों को बाहर रखा गया है।
चीन की शीर्ष विधायिका, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थाई समिति ने सोमवार से शुरू द्विमासिक सत्र के दौरान इस प्रस्ताव के मसौदे की समीक्षा की। इस प्रस्ताव पर सांसदों ने शनिवार को मतदान किया।