चीन में पहली बार होगा सिर का ट्रांसप्लांट, इतिहास बनेगा या फिर मौत का केस चलेगा
बीजिंग| पहली बार मानव सिर का सफल प्रत्यारोपण करने की तैयारी अंतिम चरण में है। अगर कोई तकनीकी समस्याएं नहीं हुईं तो साल 2017 के शुरुआती महीनों में मानव सिर का सफल ट्रांसप्लांट हो सकेगा। अगर विफल हुए तो जेल जाना पड़ेगा। इसके लिए रूसी युवक ने सिर को स्वैच्छिक रूप से डोनेट करने का निर्णय लिया है।
लेरी स्पिरीदोनोव पर प्रयोग करेंगे ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ
चीन और इटली के ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ रूस के 31 वर्षीय एक कंप्यूटर वैज्ञानिक वेलेरी स्पिरीदोनोव पर यह प्रयोग करेंगे। मानव सिर का ट्रांसप्लांट सफल रहा तो मेडिकल साइंस में कई लाइलाज बीमारियों का इलाज संभव होगा। ट्रांसप्लांट विफल रहता है तो डाक्टरों पर मौत का केस चलेगा।
स्पिरीदिनोव पर होगा प्रयोग
31 वर्षीय रूसी कंप्यूटर वैज्ञानिक वैलेरी स्पिरीदिनोव मांसपेशीय दुर्विकास (मस्कुलर डायस्ट्रोफी/वर्डनिग-हॉफमैन डिजीज) के मरीज हैं। वह पूर्वी मास्को में खुद का एजुकेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी चलाते हैं। इस ऑपरेशन के लिए दोनों वैज्ञानिकों को विशेष उपकरण बनाने होंगे और सर्जरी का नया तरीका भी तलाशना होगा। ऐसे प्रयोग से रीढ़ की चोट, कैंसर या मांसपेशीय दुर्विकास का भी इलाज संभव होगा।
80 डाक्टरों की टीम करेगी ऑपरेशन
बीजिंग में हारबिन मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़े अस्पताल में इटली के 51 वर्षीय सरजियो कानावेरो और अमरीका में रहने वाले चीनी सर्जन 55 वर्षीय रेन झियोपिंग व 80 डॉक्टरों की टीम यह ऑपरेशन करेगी।
पहला प्रत्यारोपण 1970 में हुआ था
मालूम हो कि दुनिया में सिर का पहला प्रत्यारोपण 1970 में हुआ था। तब अमरीका के न्यूरो सर्जन राबर्ट व्हाइट ने एक बंदर के सिर पर दूसरे बंदर का सिर प्रत्यारोपित किया था। प्रत्यारोपण के कुछ ही दिनों के बाद बंदर की मौत हो गई थी। चीन में होने वाले इस ऑपरेशन में कई अरब डॉलर का खर्च होगा।