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चीन में भारत ने बाजार विस्तार के लिए शुरू किया दूसरा आईटी कॉरिडोर

पेइचिंग : भारत ने चीन के सॉफ्टवेयर बाजार का लाभ उठाने के लिए रविवार को वहां दूसरे सूचना प्रौद्योगिकी गलियारे (इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी कॉरिडर) की शुरुआत की। आईटी कंपनियों के संगठन नास्कॉम (NASSCOM) ने इसकी जानकारी दी। उसने चीन में दूसरे डिजिटल सहयोगपूर्ण सुयोग प्लाजा की स्थापना की है। यह चीन के विशाल बाजार में घरेलू आईटी कंपनियों की पहुंच सुनिश्चित कराने की कोशिश के तहत किया गया है। चीन की गुइयांग नगर निगम सरकार ने चीनी उपभोक्ताओं और भारतीय सेवा प्रदाताओं के बीच करीब 60 लाख डॉलर के अनुबंध की रविवार को घोषणा की। नास्कॉम ने कहा कि चीन-भारत डिजिटल सहयोग प्लाजा (SIDCOP) के तहत शुरू की गई मुख्य परियोजनाओं को अगले साल तक पूरा कर लिया जाएगा। गुइयांग में आईटी कॉरिडोर की लॉन्चिंग के वक्त भारतीय सेवा प्रदाताओं और चीनी उपभोक्ताओं के बीच करीब 60 लाख डॉलर (करीब 4 हजार करोड़ रुपये) के समझौते पर दस्तखत हुए। NASSCOM ने अपने बयान में कहा कि SIDCOP प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किए गए पायलट प्रॉजेक्ट को अगले साल तक क्रियान्वित किया जाएगा। NASSCOM ने चीन के बंदरगाह शहर दालियान में पहला डिजिटल प्लाजा पिछले साल दिसंबर में शुरू किया था, जो चीन में भारत का पहला आईटी हब है। बता दें कि भारत की शीर्ष आईटी कंपनियों की चीन में बड़ी मौजूदगी है, खासकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों की। दालियान का आईटी कॉरिडोर भारत के छोटे और मध्यम आकार की आईटी फर्म्स के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म देता है। NASSCOM के ग्लोबल ट्रेड डिवेलपमेंट के सीनियर डायरेक्टर गगन सबरवाल ने बताया कि दालियान कॉरिडोर का फोकस इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) पर था और गुइयांग कॉरिडोर का फोकस बिग डेटा पर रहेगा। उन्होंने कहा कि गुइयांग का प्लेटफॉर्म बिग डेटा के क्षेत्र में भारत और चीन के बीच आपसी सहयोग को बढ़ावा देगा।

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