अन्तर्राष्ट्रीय

चीन में शी जिनपिंग को संसद से मिल सकता है ग्रीन सिग्नल

चीन की संसद का सालाना सत्र सोमवार (5 मार्च) शुरू हो गया है. इस दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए दो कार्यकाल की सीमा को हटाने संबंधी विवादित प्रस्ताव का अनुमोदन दिया जा सकता है, साथ ही राष्ट्रपति के विचारों को संविधान में स्थान भी दिया जाएगा. बीजिंग में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के दो हफ्ते तक चलने वाले सत्र में देशभर से करीब 3,000 सांसद शामिल होंगे. सत्र से पहले सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) ने राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा हटाने का प्रस्ताव दिया.चीन में शी जिनपिंग को संसद से मिल सकता है ग्रीन सिग्नल

शी के बेमियादी कार्यकाल का बचाव
आपको बता दें, कि राष्ट्रपति पद पर शी जिनपिंग के अनिश्चितकाल तक बने रहने के प्रस्ताव का चीन ने बचाव किया है. चीन की सरकार ने रविवार (4 मार्च) को कहा था कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रभुत्व को बरकरार रखने के साथ ही नेतृत्व की एकता के लिए यह कदम जरूरी है. पार्टी बीते करीब दो दशक से कार्यकाल सीमा का पालन कर रही है. यह व्यवस्था तानाशाही से बचने और एकल पार्टी वाले देश में सामूहिक नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई थी. एनपीसी के उद्घाटन सत्र में 64 वर्षीय शी, प्रधानमंत्री ली केकियांग और अन्य नेता शामिल हुए थे. शी को बीते दशकों में चीन का सबसे ताकतवर नेता माना जा रहा है. वह पार्टी के साथ-साथ सेना के भी प्रमुख हैं.

वहीं दूसरी ओर चीन ने इस साल रक्षा खर्च में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 175 अरब डॉलर किये जाने की सोमवार (5 मार्च) को घोषणा की. यह भारत के हालिया रक्षा बजट का तीन गुना है. भारत का रक्षा बजट 52.5 अरब डॉलर का है. बजट रिपोर्ट के अनुसार चीन रक्षा बजट को 2018 में 8.1 प्रतिशत तक बढ़ाएगा. पिछले साल चीन ने इसमें सात प्रतिशत की वृद्धि की थी. समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) में पेश किये गए आधिकारिक दस्तावेज के हवाले से कहा कि 2018 का रक्षा बजट 1110 अरब युआन (175 अरब डॉलर) होगा. उल्लेखनीय है कि पिछले साल चीन ने रक्षा खर्च को बढ़ाकर 150.5 अरब डॉलर किया था. चीन, अमेरिका के बाद रक्षा क्षेत्र पर खर्च करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है. अमेरिका का रक्षा बजट 602.8 अरब डॉलर है.

 

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