चीफ जस्टिस की भावुक अपील का असर, SC में 13 मई को 4 नए जज लेंगे शपथ
एंजेंसी/ दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने की गई चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर की भावुक अपील का खासा असर हुआ है. सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए सरकार को भेजे गए 4 नामों पर मुहर लग गई है. इसी शुक्रवार को ये जज शपथ लेंगे.
कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने ट्वीट करके कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने 3 मई को 4 नामों की सिफारिशें भेजीं और सरकार ने बहुत कम वक्त लेते हुए 11 मई को सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नियुक्ति पर हामी भर दी. नरेंद्र मोदी सरकार न्यायिक व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कटिबद्ध है.’
ये जज पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जज के तौर पर नियुक्ति के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस एम. खान्वेलकर, इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड, केरल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अशोक भान और वरिष्ठ वकील एल. नागेश्वर राव के नाम मंजूर करके बुधवार को उनकी नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं.
अभी भी कम हैं जज
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में 31 पदों में से सिर्फ 25 पर जज हैं. अब जब ये 4 नए जज नियुक्त हो जायेंगे तो संख्या 29 हो जायेगी, यानी 2 जज फिर भी कम रहेंगे. चीफ जस्टिस ने लंबित मामलों की संख्या के लिए कम जजों की संख्या को एक बड़ी वजह बताया था. साथ ही सरकार पर भी टिप्पणी करते हुए कहा था कि सरकार जजों की नियुक्ति के लिए कोलेजियम के भेजे नामों पर जल्द फैसले नहीं करती.
सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच है तकरार
जजों की नियुक्ति लिए बनाए गए नए कानून एनजेएसी को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि कोलेजियम सिस्टम में कुछ खामियां हैं जिन्हें सही किया जा सकता है. कोलेजियम के नए मेमोरेंडम ऑफ प्रॉसीजर बनाने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी है. इसने कुछ प्रावधानों पर है. ऐसे में मौजूदा कोलेजियम के भेजे गए 4 नामों पर जल्द फैसला लेना चीफ जस्टिस की भावनात्मक अपील का असर ही माना जा सकता है.