कांग्रेस अध्यक्ष के साथ मुलाकात के दौरान मुस्लिमों के विवादित मुद्दों से परहेज किया गया। बैठक के बाद शिक्षाविद इलियास मलिक ने मीडिया से कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के साथ विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई है। चर्चा के दौरान तीन तलाक और शरियत जैसे मुद्दे शामिल नहीं थे। बैठक में कुछ मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कांग्रेस से मुसलमानों की बढ़ी दूरी और अन्य पार्टियों की ओर रुख करने पर कहा कि पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने सलाह दी कि पार्टी को मुस्लिम समाज को एक समुदाय की तरह नहीं बल्कि उनकी गरीबी पर बात करनी चाहिए। उससे सभी वर्गों व समुदायों को लाभ मिलेगा। कांग्रेस जैसे ही मुस्लिमों को अलग समुदाय के रूप में पेश करती है तो विरोधियों के निशाने पर आ जाती है।
यह चिंता इसलिए सामने आई है क्योंकि कांग्रेस ने हाल ही में अपनी अल्पसंख्यक वाली छवि को कमजोर करने का काम किया है। इसकी वजह गुजरात और कर्नाटक चुनावों के दौरान राहुल गांधी द्वारा कई मंदिरों का दौरा करना और खुद को शिव भक्त बताना है। इसके अलावा उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने की इच्छा भी जताई थी। यह बैठक एक महीने बाद इसलिए बुलाई गई क्योंकि यूपीए प्रमुख सोनिया गांधी का कहना है कि भाजपा यह बात समझाने में कामयाब रही है कि कांग्रेस एक मुस्लिम पार्टी है जिसका खामियाजा उसे चुनावों में भुगतना पड़ा है।
जिन लोगों ने राहुल के आवास पर बैठक में हिस्सा लिया उनमें इतिहासकार सैयद इरफान हबीब, अर्थशास्त्री अबुसलेह शरीफ, पूर्व दूरसंचार सचिव एमएस फारुखी, उद्योगपति जुनैद रहमान, इतिहासकार रक्षंदा जलील, पत्रकार फराह नकवी, हारुन अली खान, वकील फुजैल अय्यूबी और जेएनयू के प्रोफेसर गजाला जमील शामिल थे। एक घंटे चली बैठक में राहुल ने कई सवालों के जवाब दिए। जिनमें क्या कांग्रेस के पास अल्पसंख्यकों के लिए कोई खास एजेंडा है और कैसे पार्टी ने भारत की मुस्लिमों की जरुरतों को संबोधित करने की योजना बनाई है।
सूत्रों का कहना है कि अपने जवाब में कांग्रेस अध्यक्ष काफी सतर्क रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस न्याय के प्रति प्रतिबद्ध है और जो लोग हाशिए पर हैं या अधिकारों से वंचित हैं उन्हें बचाने का काम करेगी। वह पार्टी को किसी एक समुदाय के प्रति झुकाव वाली नहीं बनाना चाहते। बैठक में राहुल ने यह बात स्पष्ट तौर पर कही कि उनकी पार्टी ने वोट के लिए मुस्लिम समुदाय का उपयोग नहीं किया है जैसा कि भाजपा प्रचारित कर रही है।