चुनाव की हार पर मायावती ने साधा अखिलेश पर निशाना, कही ये बड़ी बात
लखनऊ: लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद सपा और बसपा का महागठबंधन खुल चुका है. दोनों दलों की राहें अलग अलग हो चुकी हैं, हालांकि इसके बाद भी मायावती ने दोनों दलों के साथ आने की गुंजाइश छोड़ रखी थी. लेकिन अब पहली बार इस हार के बाद मायावती ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. बसपा की बैठक में मायावती ने आज खुलकर साधा अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, गठबंधन तोड़ने के बाद सपा प्रमुख आखिलेश यादव ने मुझसे बात नहीं की. उन्होंने सतीश चंद्र मिश्र से संपर्क किया.
सूत्रों के अनुसार, मायावती का आरोप है कि लोकसभा चुनावों में मिली हार के पीछे सपा शासन में दलितों पर हुआ अत्याचार सबसे बड़ी वजह रहा. इसलिए दोनों दलों के वोट एक दूसरे को ट्रांसफर नहीं हुए. मायावती यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा, अखिलेश यादव ने ज्यादा मुसलमानों को टिकट देने से उन्हें मना किया था. अखिलेश ने दावा किया था कि अगर ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया गया तो इससे ध्रुवीकरण होगा.
मायावती ने लगाई आरोपों की झड़ी
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा नेताओं ने कई जगह बसपा को हराने का काम किया. मायावती ने अपने ऊपर किए गए केसों के लिए मुलायम सिंह यादव समेत सपा शासन को जिम्मेदार ठहराया. माना जा रहा है कि सपा पर हमला बोलकर मायावती ने साफ कर दिया कि सपा बसपा के रिश्ते पुरानी दुश्मनी के ट्रैक पर हैं.
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि मायावती ने मीटिंग में कहा, ताज केस में फंसाने में बीजेपी के साथ साथ मुलायम सिंह का भी रोल था. इतना ही नहीं बसपा के प्रदेश अध्यक्ष को सपा के एक बड़े नेता ने हरवाया है. अखिलेश ने मुझे हार के बाद फ़ोन नहीं किया, लेकिन काउंटिग के दिन मैंने 23 तारीख को उन्हें फोन कर उनके परिवार के हारने पर दुःख जताया. बाद में अखिलेश ने मुझे फोन न करके सतीश मिश्रा को फोन किया था.
मायावती ने अब अपनी पार्टी में अपने परिवारवालों को तरजीह देनी शुरू कर दी है. रविवार बसपा की मीटिंग में उन्होंने अपने भाई आंनद को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी. इसके साथ ही उन्होंने भतीजे आकाश को राष्ट्रीय कोर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी. चुनाव से पहले ही आकाश कई रैलियों में मायावती के साथ देखे गए थे.