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चुनाव से पहले कंधार में बड़ा हमला, गवर्नर, सेना प्रमुख और इंटेलिजेंस चीफ की हत्या

अफगानिस्तान के कंधार में गुरुवार को कंधार के गवर्नर, सेना प्रमुख और इंटेलिजेंस चीफ की हत्या कर दी गई। अमेरिकी कमांडर समेत दो अन्य अमेरिकी घायल हो गए। शनिवार को होने वाले चुनाव के मद्देनजर तीनों गवर्नर के कार्यालय में एक मीटिंग करने गए थे। तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है।

कंधार/काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान के हमले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को एक हाई लेवल सिक्योरिटी बैठक के दौरान बंदूकधारी द्वारा की गई अंधाधुंध गोलीबारी से अफगानिस्तान के पुलिस प्रमुख और एक पत्रकार सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि कि उसने शीर्ष अमेरिकी कमांडर जनरल स्कॉट मिलर को निशाना बनाकर यह हमला किया था। हालांकि मिलर इस हमले में बाल-बाल बच गए। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के मद्देनजर कंधार के गवर्नर जल्मानी वेसा के कार्यालय में एक मीटिंग हो रही थी। इसमें अफगानिस्तान के सबसे प्रभावशाली सुरक्षा अधिकारी जनरल अब्दुल रजीक, लोकल इंटेलिजेंस के चीफ और अमेरिकी कमांडर जनरल स्कॉट मिलर मौजूद थे। गोलीबारी इतनी भंयकर थी कि कम से एक एक दर्जन लोग इसमें घायल हो गए जिसमें तीन अमेरिकी नागरिक सहित एक प्रांतीय गवर्नर भी शामिल है। हमले के बाद सुरक्षाबलों की तरफ से एक तलाशी अभियान चलाया गया। खबरों की मानें तो यह हमला उस शख्स ने किया जो खुद गवर्नर की सुरक्षा में तैनात था। जिस पत्रकार की इस हमले में मौत हुई है वह अफगानिस्तान की सरकारी मीडिया के लिए काम करता था।मीटिंग खत्म होने के बाद सभी अधिकारी बाहर निकले तो एक सुरक्षाकर्मी ने फायरिंग शुरू कर दी। हमले में गवर्नर जल्मानी वेसा, जनरल अब्दुल रजीक और इंटेलिजेंस चीफ की मौत हो गई। वहीं, जनरल स्कॉट मिलर समेत दो अमेरिकी अधिकारी घायल हो गए। सांसद खालिद पस्तून ने बताया कि गार्ड द्वारा किए गए इस हमले में कंधार के पुलिस प्रमुख, गवर्नर और खुफिया विभाग के प्रमुख मारे गए हैं। इससे पहले रविवार को भी अफगानिस्तान में तालिबान के आतंकियों ने अपनी करतूत को अंजाम देते हुए अफगानी सेना के एक अड्डे पर हमला किया था। यह हमला शनिवार रात शुरू हुआ और रविवार सुबह तक चलता रहा। तालिबान के इस हमले में 22 से ज्यादा अफगानी सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई थी जबकि 11 सैनिकों को आतंकियों ने अगवा भी कर लिया था। नाटो के प्रवक्ता कर्नल क्नॉत पीटर ने बताया कि अफगानिस्तान में नाटो समर्थित मिशन की देखरेख के लिए मिलर पिछले महीने ही कंधार गए थे। वे इस हमले में घायल नहीं हुए हैं। हालांकि, प्रवक्ता ने दो अन्य अमेरिकी अधिकारियों के घायल होने की पुष्टि की है। रजीक की हत्या शनिवार को होने वाले चुनाव से पहले अफगानिस्तान सरकार के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। तालिबान चुनाव न कराने को लेकर लगातार धमकी दे रहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अफगानिस्तान सरकार की कई महत्वपूर्ण बैठकों के दौरान तालिबान घुसपैठ कर चुका है। तालिबान ने कहा कि उनका मकसद रजीक और मिलर की हत्या करना था। रजीक उसके कई कमांडरों की हत्या कर चुका था। मानवाधिकार संगठन उसकी आलोचना करते थे, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों के समर्थन के चलते वह अफगानिस्तान का महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गया। पूरे कंधार में उसका दखल रहता था। तालिबान ने अपने बयान में कहा कि हमने कई साल से रजीक की हत्या करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वह हर बार बच रहा था। पिछले साल उसे मारने के लिए हमने कंधार में हमला किया था। इसमें संयुक्त अरब अमीरात के पांच राजनयिक मारे गए थे।

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