चौथी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने बीएस येद्दयुरप्पा

बेंगलुरू : कर्नाटक में भाजपा के अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। राज्यपाल वाजूभाई वाला ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही वे राज्य के चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ लेने से पूर्व येद्दयुरप्पा भाजपा कार्यालय गए। इसके बाद उन्होंने कडू मल्लेश्वर मंदिर पहुंचकर पूजा अर्चना की। गौरतलब है कि येद्दयुरप्पा ने शुक्रवार को करीब सुबह 10 बजे राज्यपाल वाजूभाई वाला से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। उन्होंने राज्यपाल से शपथ ग्रहण समारोह भी आज ही आयोजित कराने की गुजारिश की जिसे राज्यपाल ने मान लिया। राज्यपाल से मिलने के बाद येद्दयुरप्पा ने कहा कि मैं अभी अभी राज्यपाल से मिलकर आ रहा हूं। आज शाम 6 बजे मैं मुख्यमंत्री पद की शपथ लूंगा। येद्दयुरप्पा को 31 जुलाई तक विधानसभा में बहुमत सिद्ध करना होगा। हालांकि, भाजपा के सामने असली परीक्षा विश्वास मत परीक्षा पास करने की होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने अभी भी 14 अन्य बागी विधायकों की किस्मत का फैसला नहीं किया है। ऐसे में सदन में विधायकों की संख्या 222 है। ऐसे में बहुमत के लिए भाजपा को 112 विधायकों के आंकड़े को छूना होगा। फिलहाल, मौजूदा वक्त में भाजपा के पास 106 विधायक हैं। बड़ा सवाल यही है कि भाजपा नई परिस्थितियों में छह और विधायकों का समर्थन कैसे लाएगी। गौरतलब है कि कर्नाटक के भाजपा नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला और राज्य में आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक के दो निर्दलीय विधायकों आर. शंकर और एच. नागेश को उनकी याचिका वापस लेने की मंजूरी दे दी। याचिकाओं में कुमारस्वामी सरकार द्वारा पेश विश्वास मत पर ‘तत्काल’ शक्ति परीक्षण कराने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को कांग्रेस के दो बागी विधायकों रमेश जर्किहोली व महेश कुमाताहल्ली और एक निर्दलीय विधायक आर. शंकर को तत्काल प्रभाव से अयोग्य करार दे दिया। तीनों विधायक विधानसभा के शेष कार्यकाल यानी 2023 तक सदन की सदस्यता के अयोग्य रहेंगे।
स्पीकर ने कहा कि वह शेष 14 मामलों में भी दो दिनों में फैसला ले लेंगे। स्पीकर ने कहा कि तीनों सदस्यों ने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे। बागी विधायकों ने संविधान की 10वीं अनुसूची (दलबदल विरोधी कानून) के प्रावधानों का उल्लंघन किया है और इसीलिए उन्हें अयोग्य ठहराया गया है।’ आर. शंकर के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्दरमैया ने उन्हें बताया था कि शंकर की पार्टी केपीजेपी का कांग्रेस में विलय हो गया था और उसके बाद ही उन्हें मंत्री बनाया गया था। लिहाजा वह कांग्रेस के निर्वाचित सदस्य थे। इस बीच, राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वर्तमान राजनीतिक हालात में कोई भी स्थिर सरकार नहीं दे सकता। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिद्दरमैया ने मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया है।