चौधरी शुगर मिल मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हुए गिरफ्तार
लाहौर । भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा काट रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। उन्हें भ्रष्टाचार से जुड़े एक अन्य मामले में शुक्रवार को 14 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। शरीफ और उनका परिवार भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों का सामना कर रहा है। पाकिस्तान की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने चौधरी शुगर मिल से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में शरीफ को यहां कोट लखपत जेल से गिरफ्तार कर एनएबी अदालत में पेश किया।
तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ अल-अजीजिया स्टील मिल भ्रष्टाचार मामले में मिली सात सात की सजा इसी जेल में काट रहे थे। एनएबी के अभियोजक ने मनी लांड्रिंग मामले में शरीफ की 15 दिन की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने हालांकि 14 दिन की रिमांड मंजूर की। इसके बाद शरीफ को कोर्ट से लाहौर स्थित एनएबी मुख्यालय ले जाया गया, जहां उनसे मनी लांड्रिंग मामले में पूछताछ की जाएगी।
एनएबी का आरोप है कि शरीफ और उनकी बेटी मरयम का चौधरी शुगर मिल के फायदे से सीधा ताल्लुक है। शुगर मिल में मरयम के 1.20 करोड़ से ज्यादा शेयर हैं।
‘शरीफ को फंसा रही इमरान सरकार’
पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने आरोप लगाया कि शरीफ को इमरान सरकार ने एनएबी के जरिये गिरफ्तार कराया है। पार्टी के एक नेता ने कहा, इमरान को लग रहा था कि अल-अजीजिया मामले में शरीफ को जमानत मिल सकती है। इसलिए उन्हें दूसरे मामले में फंसाया जा रहा है।
दो मामलों में मिल चुकी है सजा
पनामा पेपर मामले में 2017 में प्रधानमंत्री की कुर्सी गंवाने वाले शरीफ को दो मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। उन्हें एवनफील्ड मामले में दस साल और अल-अजीजिया मामले में सात साल जेल की सजा मिली है। एवनफील्ड मामले में फिलहाल वह जमानत पर हैं।