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वहीं इस मामले पर मजदूर संघ के नेता ललीत चंद्रनाहू का कहना है कि उन्होंने मंत्री इस बारे में पत्र लिखा था और फोन पर बात भी की थी।
गौरतलब है कि सरिता अग्रवाल और छत्तीसगढ़ के कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर वन विभाग की 4.12 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। अधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार उन्होंने जिस जमीन पर कब्जा किया है वह किसान विष्णु राम साहू की थी, जिन्होंने 1994 में अविभाजित मध्यप्रदेश के जल संसाधन विभाग को जमीन दान कर दी थी।
सरिता अग्रवाल के रिसोर्ट का नाम श्याम वाटिका है, जो छत्तीसगढ़ के सिरपुर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर वह अपने बेटे के साथ काम कर रही है। जिस कंपनी को इस प्रोजेक्ट का काम दिया गया है वह सरिता अग्रवाल और उनके बेटे के निर्देश में काम करती है।
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यह मामला प्रकाश में उस वक्त आया जब मार्च 2015 में किसान मजदूर संध के सदस्य ललित चंद्रनाहु ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी। ललित ने अपने पत्र में लिखा था कि यह जमीन सरकार को दान के रूप में दी गई थी, लेकिन टैक्स रिकॉर्ड में इसकी जानकारी नहीं दी गई है। जिसमें बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
रमन सिंह की सरकार में कई अधिकारियों ने इस जमीन को कार्रवाई के लिए चिह्नित किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बृजमोहन अग्रवाल के मंत्रायल की ओर से लिखित निर्देश दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।