छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र कल से, सरकार को घेरने की तैयारी में जुटा विपक्ष
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र 26 जुलाई यानी सोमवार से शुरू होने जा रहा है. इस सत्र में कई मुद्दों को लेकर विपक्ष, सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी में है. खाद की कमी से लेकर धान, किसान और कानून व्यवस्था के साथ कोविड काल के भी कई मुद्दों पर विपक्ष के तीखे तेवर देखने को मिलेंगे. इसके जवाब में सत्ता पक्ष भी पूरी तैयारी में है. विपक्ष के तीखे सवालों के जवाब तैयार किए जा रहे हैं. इस सत्र में उठने वाले मामलों पर सियासी जानकारों की भी नजरें टिकी हैं.
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि मुद्दे ज्यादा हैं और सत्र छोटा है. हाल की घटनाओं को विधानसभा में लाना जरूरी है. खाद की कमी, धान संग्रहण केन्द्रों में अव्यवस्था और धान की बर्बादी, शिक्षकों की भर्ती में देरी, सिलगेर मामले में आदिवासियों की नाराज़गी, बेरोजगारी और शराबबंदी के साथ कानून व्यवस्था जैसे कई मसले हैं, जिसको लेकर सदन में सवाल उठाए जाएंगे.
वहीं इस सत्र से पहले संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे ने विपक्ष पर तंज कसते हुए आग्रह किया है कि वह सवाल करे, लेकिन इसके बाद सदन छोड़कर भागे नहीं. रविन्द्र चौबे ने मानसून सत्र को लेकर कहा कि सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. सदन इसलिए होता है कि वहां सामयिक चर्चा कराई जा सके. प्रदेश की आवश्यकताओं को लेकर बढ़िया चर्चा, सामयिक और रचनात्मक चर्चा हो सके. विपक्ष यदि कहता है कि हम घेरने की तैयारी में हैं तो निश्चित रूप से उन्हें अपनी बात रखनी चाहिए. सदन से उनको भागना नहीं चाहिए. छोटा सत्र है लेकिन सभी मुद्दे आएंगे और हम जवाब देंगे.
गौरतलब है कि विधानसभा का मानसून सत्र केवल पांच दिनों का है, लेकिन इसके हंगामेदार होने के काफी आसार है. सत्ता पक्ष भले ही सारे सवालों के जवाब देने की बात कह रहा है, लेकिन विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने के लिए कमर कसी हुई है. ऐसे में सदन के भीतर सरकार और विपक्ष के बीच की रस्साकशी देखना रोचक होगा.