रायपुर : छत्तीसगढ़ विधान सभा के सत्र का अचानक खत्म कर दिए जाने से प्रदेश में राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है. इसके विरोध में जोगी कांग्रेस के 3 विधायकों ने सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए है.
विधान सभा का मानसून सत्र 1 अगस्त से 11 अगस्त तक घोषित किया गया था. इस दौरान 8 बैठकें होनी तय थीं, लेकिन पनामा गेट मामले के सदन में गर्माने के बाद विधान सभा अध्यक्ष ने इसे 3 दिन में ही खत्म कर दिया. बता दें कि सत्र जल्द खत्म होने का इसलिए विरोध हो रहा है, क्योंकि कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद बेटे अभिषेक सिंह का नाम पनामा गेट में है. स्थगन प्रस्ताव पनामा गेट मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन होने से स्वीकार नहीं किया गया . इससे नाराज कांग्रेसी विधायक अपना आपा खो बैठे और वेल तक आ गए जिसे अध्यक्ष ने अनुशासनहीनता माना और सत्र को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया .
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उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे को विपक्ष ने लपकते हुए बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. कांग्रेस विधायकों ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया और इसकी शिकायत राज्यपाल से की. जोगी कांग्रेस के विधायक अमित जोगी, सियाराम साहू और विधायक आर. के. राय सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए. सत्र खत्म होने के बाद भी वे अपने घर नहीं गए हैं और सदन में ही हैं. जबकि संसदीय कार्य मंत्री ने जोगी कांग्रेस के विधायकों से अपना धरना खत्म करने का अनुरोध कर कहा कि वे मार्शल के सब्र का इम्तहान ना लें. कांग्रेस ने 6 अगस्त को प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है.