छत्तीसगढ़ में अभी भी 30 फीसदी बच्चे कुपोषण के शिकार

सरगुजा. छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आ रही है. अभी भी प्रदेश में 30 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और बच्चों को पोषण आहार देने के लिए जिस तरह से महिला एवं बाल विकास विभाग को योजना लागू के लिए कहा गया था, वह भी धीमी है.
बिलासपुर जिले की बात करें तो यहां कुपोषित बच्चों की औसत प्रदेश के औसत से कम है यानी 23.86 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के दायरे में हैं. इसकी बड़ी वजह उन गांवों में संचालित 474 आंगनबाड़ी केन्द्र अभी भी भवनविहीन है तो 600 से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माणाधीन है.
पिछले दिनों जिले के प्रभारी मंत्री ने निर्माण कार्यों में देरी पर चिंता प्रकट की थी. जिला प्रशासन ने इस संबंध में 7000 कुपोषित बच्चों को गोद लेने की बात कही है. हालांकि जिले में 36 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार है. इसमें से केवल 7000 बच्चों को गोद लेने का काम शुरू हुआ है.
इससे गांवों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने कुपोषित बच्चों को पहचान कर उन्हें आवश्यक आहार उपलब्ध कराने की बात जिला प्रशासन से कही है. आंकड़े बताते हैं कि पिछले तीन साल में केवल 6 प्रतिशत कुपोषित बच्चों की संख्या कम हुई है.