उत्तर प्रदेशलखनऊ

छात्रों के हंगामे के बाद बैकफुट पर एलयू प्रशासन

lucknow-university-5658ac6a7e85c_exlstसुभाष हॉस्टल में कमरों को सील करने के साथ छात्रों को बाहर करने के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन को एक दिन में ही पीछे हटना पड़ा। छात्रों को हॉस्टल से बाहर करने के विरोध में शुक्रवार को अन्य हॉस्टल के छात्र भी उनके साथ खड़े हो गए। इन लोगों ने कुलपति कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया।

मामले की जानकारी होने पर चीफ प्रॉक्टर प्रो. निशि पांडेय व प्रॉक्टोरियल बोर्ड के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे और छात्रों से वार्ता की। हालांकि छात्र अपनी मांगे मनवाने के बाद ही वहां से हटे।

छात्रों के हंगामे के बाद सुभाष हॉस्टल के आठों कमरों के ताले खोल दिए गए और जिन 10 छात्रों को विभिन्न मामलों में बाहर किया गया था उनको भी वापस रहने की अनुमति मिली।

हालांकि हबीबुल्लाह छात्रावास में रहने वाले सीनियर्स ने यह वादा किया कि वह सुनिश्चित कराएंगे कि अब सुभाष हॉस्टल में रहने वाले जूनियर्स किसी भी तरह का हंगामा न करें।

प्रॉक्टोरियल बोर्ड की ओर से की गई कार्रवाई के विरोध में गुरुवार रात से ही हंगामे का माहौल बनने लगा था। बताया जा रहा है कि गुरुवार को भी देर रात प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने छात्रों से वार्ता की थी लेकिन कोई सहमति नहीं बन पाई।

शुक्रवार सुबह पहुंचे छात्र कुलपति केन होने के चलते प्रशासनिक भवन के सामने ही धरने पर बैठ कर प्रदर्शन करने लगे। तत्काल भारी पुलिस बल और प्रॉक्टोरियल बोर्ड भी पहुंच गया।

चीफ प्रॉक्टर प्रो. निशि पांडेय ने छात्रों को समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। बाद में कुछ सीनियर्स ने यह जिम्मेदारी ली कि यदि अब सुभाष हॉस्टल के छात्र कुछ करेंगे तो उनके साथ जिम्मेदारी लेने वालों को भी हॉस्टल से निकाल दिया जाए। इसकेबाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने कमरों के ताले खुलवाए।

चीफ प्रॉक्टर प्रो. निशी पांडेय ने बताया कि कमरा नंबर 37 में रहने वाले नंद किशोर, 44 में रहने वाले सूर्य प्रकाश और 42 नंबर कमरे में रहने वाले महेंद्र का नाम पहली बार किसी अनुशासनहीनता में सामने आया था।

इस वजह से उनको छात्रों के हंगामे केपहले ही राहत दे दी गई थी। 37 नंबर में रहने वाले शाकिब, 42 नंबर के अभिषेक और 68 नंबर कमरे में रहने वाले दीपक का नाम 23 नवंबर को कॉमर्स के स्टूडेंट्स से मारपीट में सामने आया था।

जबकि 51 नंबर कमरे में रहने वाले गौरव, 52 नंबर के शुभम और 80 नंबर में रहने वाले सौरभ का नाम कई मामलों में सामने आया है। इन सभी के खिलाफ जांच चलती रहेगी।

हॉस्टल में रहने की अनुमति इस शर्त पर दी गई है कि जांच के बाद यदि विवि को लगा तो वह इन्हें निष्कासित भी कर सकता है। इस बात के लिए सभी से लिखित ले लिया गया है।

शुक्रवार को हंगामे से पहले राहुल नाम केएक छात्र का नाम सुभाष हॉस्टल के प्रोवोस्ट डॉ. अरुण कुमार से अभद्रता करने के मामले में सामने आया। विवि इसकी जांच कर रहा है।

 

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