छुट्टी के दिन यूनिवर्सिटी ने लिए इंटरव्यू, उठे सवाल
रविवार को छुट्टी के दिन विश्वविद्यालय में हो रहे इंटरव्यू की भनक जैसे ही एसएफआई के कार्यकर्त्ताओं को लगी उन्होंने सैकड़ों अन्य छात्रों के साथ वीसी आफिस के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। विश्वविद्यालय की एसएफआई इकाई के अध्यक्ष प्रेम जसवाल और इकाई सचिव विपिन शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन और कुलपति ने अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए बैक डोर एंट्री के तहत यह इंटरव्यू कंडक्ट करवाए हैं। इंटरव्यू में यूजीसी के नियमों और उच्च न्यायालय के निर्देशों का नजर अंदाज किया गया है।
रविवार को जब एसएफआई ने वीसी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया तो वीसी ने दो घंटों तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। एसएफआई ने सोमवार को होने वाली ईसी की बैठक से पहले इस मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करवाने का एलान किया है। साथ ही इन इंटरव्यू को न्यायालय में चुनौती देने का भी निर्णय लिया है। इस मौके पर एसएफआई के राज्य अध्यक्ष विवेक राणा, अनिल वर्मा, किरण चौहान, ज्योति ठाकुर, अनिल नेगी, नरेंद्र, नितीश, पवन कुमार, विजय, योगराज, दीक्षा, अदिती, लेखराज, विक्रम ठाकुर और अनीश सहित अन्य छात्र मौजूद रहे।
पूर्व निर्धारित थे साक्षात्कार
एचपीयू के कुलपति प्रो. एडीएन वाजपेयी का कहना है कि पत्रकारिता विभाग के रविवार को जो साक्षात्कार लिए गए हैं वह पूर्व निर्धारित थे। एक प्रोफेसर और एक रीडर सहित कैरियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत पदोन्नति के लिए इंटरव्यू लिए गए हैं। दिसंबर माह में ऐसे इंटरव्यू और भी निर्धारित किए गए हैं। सोमवार को होने वाली ईसी की बैठक से इन साक्षात्कारों को कुछ लेना देना नहीं है।
नहीं मिला कॉल लेटर : मोनिका
जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट में एसोसिएट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन करने वाली डा. मोनिका वर्मा का कहना है कि उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से इंटरव्यू का कॉल लेटर नहीं मिला है। विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखे पत्र में मोनिका ने विश्वविद्यालय की छंटनी प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय ने छंटनी प्रक्रिया के बाद इंटरव्यू के लिए सिर्फ एक अभ्यर्थी का चयन किया है। यूजीसी के नियमों के तहत सिंगल केंडीडेट का इंटरव्यू नहीं लिया जा सकता।