नई दिल्ली : आपने अक्सर सुना होगा कि जज आरोपियों या अपराधियों को फैसला सुनाते वक्त ये भी कहते हैं कि वो बिना कोर्ट की इजाजत के शहर या देश छोड़कर नहीं जा सकते। लेकिन क्या आपने सुना है कि कोई जजों को ही आदेश दे दे कि वो विदेश दौरे पर नहीं जा सकते। चाहे वो अधिकारिक छुट्टी पर ही क्यों न हों। इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार ऐसा ही आदेश दिल्ली हाईकोर्ट के एक सर्कुलर में जारी किया गया है, जिसमें उच्च न्यायालय के जजों के लिए है। बात दरअसल ऐसी है कि दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस जी रोहिणी ने हाईकोर्ट के जजों के किसी भी बहाने से लगने वाले विदेश दौरे को गंभीरता से लिया है। इसी वजह से उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने अपने ही तरह का अनोखा सर्कुलर जारी करते हुए 300 से भी ज्यादा न्यायाधीशों के विदेश जाने पर रोक लगा दी है। 3 अगस्त को जारी किए गए इस सर्कुलर में लिखा है कि, ‘इस बात का पता चला है कि न्यायिक अधिकारी अकसर ही अपने काम के दिनों में ही किसी न किसी बहाने से विदेश दौरे के लिए छुट्टियां लेते रहते हैं। माननीय मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में किसी भी वर्किंग डे पर विदेश दौरे पर न जाने के आदेश दिए हैं।’