जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी मोदी सरकार के कामकाज को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनाने को लेकर सरकार गंभीर नहीं दिखाई दे रही है। बल्कि कार्यप्रणाली के हिसाब से ऐसा लगता है कि सरकार राम जन्म भूमि स्थल के बजाय कहीं और मंदिर बना कर राम भक्तों को भ्रमित करना चाहती है। स्वरूपानंद सरस्वती ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया। वहीं राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर चल रही बहस को उन्होंने अनावश्यक बताया। कहा कि राहुल गांधी हिंदू हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राम के विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि वह ये सब राजनीतिक दृष्टिकोण से कर रही हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। भाजपा ने जय श्री राम को अपना राजनीतिक नारा बना दिया है।
उन्होंने मोदी सरकार को सलाह दी कि वह कुछ करें या न करें पहले वे वादे पूरे कर दें जो उन्होंने पिछले कार्यकाल के समय जनता से किए थे। उत्तराखंड में जौली ग्रांट एयरपोर्ट का नाम शंकराचार्य के नाम पर रखे जाने की बात दोहराते हुए स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को भगवान शंकराचार्य का ऋणी होना चाहिए। क्योंकि अगर वह न होते तो उत्तराखंड में चारधाम न होते और यहां देश-दुनिया से श्रद्धालु नहीं आते।