राष्ट्रीय

जदयू विधायक सुनील पांडेय की गिरफ्तार

भोजपुर। चर्चित sunilआरा सिविल कोर्ट बम विस्फोट के षड्यंत्र में कल तरारी के जदयू विधायक सुनील पांडेय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में आज सुबह से ही समर्थक भोजपुर में जहां तहां सड़कों पर उतर आए हैं। आक्रोशित समर्थकों ने पीरो अनुमंडल अन्र्तगत फतेहपुर, कुरमुरी ,खुटहां, बिहटा के अलावा बागर गांव के पास सड़क जाम कर दिया है। उन्होंने तरारी में भी सड़क जाम कर दिया है। वे विधायक की रिहाई की मांग कर रहे हैं।विधायक के समर्थक उनकी गिरफ्तारी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। समर्थकों का आरोप है कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत विधायक को फंसाया गया है।बताते चलें कि चर्चित आरा सिविल कोर्ट परिसर बम ब्लास्ट में षड्यंत्र के आरोप में तरारी के जदयू विधायक सुनील पांडेय उर्फ नरेन्द्र पांडेय को भोजपुर पुलिस ने कल दोपहर गिरफ्तार कर लिया था। बाद में विधायक को 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। सुनील पांडेय रोहतास जिले के नासरीगंज थाना क्षेत्र अन्तर्गत नावाडीह गांव के मूल निवासी हैं। उनकी गिरफ्तारी कल दोपहर उस समय हुई, जब वे पुलिस अधीक्षक नवीन चन्द्र झा से मिलने एसपी कार्यालय गए थे। साथ में उनके भाई पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय तथा अधिवक्ता सत्येन्द्र सिंह दारा भी थे। एसपी ने जदयू विधायक से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद करीब डेढ़ बजे एसपी ने विधायक को हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दे दिया। टाउन थाना पुलिस ने विधायक को एसपी कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया और नगर थाना ले गई। वहां से सदर अस्पताल ले जाकर मेडिकल जांच के बाद उन्हें न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।एसपी नवीन चन्द्र झा ने कहा कि आरा कोर्ट बम ब्लास्ट कांड में ठोस साक्ष्य पाये जाने पर तरारी विधायक को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के पास विधायक के विरुद्ध ठोस सबूत है। बम ब्लास्ट कांड में विधायक को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है। जरूरत पडऩे पर उन्हें पूछताछ हेतु रिमांड पर लिया जाएगा। स्थानीय कोर्ट ने बम ब्लास्ट कांड में विधायक सुनील पांडेय की पेशी के लिए पहली तिथि 22 जुलाई को निर्धारित की है। हालांकि टाउन थाना पुलिस ने उन्हें 15 दिनों के न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। गिरफ्तार जदयू विधायक सुनील पांडेय ने कहा कि वे इस कांड में पूरी तरह बेकसूर हैं। उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है। बम ब्लास्ट कांड में गिरफ्तार लंबू शर्मा के सहयोगी चांद मियां से उनकी पुरानी दुश्मनी रही है। इसलिए जानबूझ कर फंसाने के लिए उनका नाम लिया गया है।

 

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