पटना : जदयू में बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही हैं। नीतीश कुमार ने सीएम मांझी और शरद यादव को अपने आवास पर बुलाया है। सूचना के आधार पर नीतीश के आवास पर शरद और मुख्यमंत्री मांझी भी पहुंच गए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को दोपहर केबिनेट की बैठक बुलाई है। बैठक का समय वही है, जब जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी के विधायक दल की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि सियासी खंचतान के बीच मुख्यमंत्री मांझी आरपार के मूड में हैं। इससे पहले जदयू में सत्ता संग्राम के बीच मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार की देर शाम नीतीश समर्थक दो मंत्रियों पीके शाही व राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल से की है। उधर, इससे पहले शरद यादव ने राज्यपाल को पत्र भेजकर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की किसी भी सिफारिश को न मानने का अनुरोध किया था।
शरद ने अपने पत्र में कहा कि श्री मांझी अल्पमत में हैं। इधर, जीतन राम मांझी को शनिवार को जदयू से निष्कासित किया जा सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने देर रात कहा कि कल चार बजे के बाद श्री मांझी न तो जदयू में रहेंगे और न विधायकों के नेता। मंत्रियों को बर्खास्त करने की यह अनुशंसा उनकी हताशा का परिणाम है। जदयू नेतृत्व और सीएम जीतनराम मांझी का खेमा आमने-सामने हो गया है। शुक्रवार को पटना का राजनीतिक तापमान गर्म रहा। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि अब मेरी जंग शुरू हो गई है। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के फैसले को चुनौती देते हुए 20 को विधायक दल की बैठक का ऐलान भी कर दिया। उधर जदयू नेतृत्व शनिवार को विधायक दल की बैठक के फैसले पर कायम है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी को 130 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कहा कि शनिवार को नए नेता का चुनाव होगा।