ज्ञान भंडार

जनता का भरोसा खोती सरकारी शिक्षा

गोपाल सिंह
schoolबुनियादी सुविधाओं की कमी और दूरदराज की कमी और दूरदराज क्षेत्रों में शिक्षकों को तरसते सरकारी विद्यालयों से साल-दर-साल छात्र-छात्राओं और अभिभावकों का भरोसा घट रहा है। राज्य बने हुए 15 साल हो चुके हैं, लेकिन सरकारी शिक्षा जनता का दिल जीतने में कामयाब नहीं हो सकी। भरोसे के संकट के चलते सरकारी शिक्षा से निजी विद्यालयों की ओर अभिभावकों का झुकाव तेजी से बढ़ रहा है। मैदानी क्षेत्रों में छात्र संख्या के मामले में निजी विद्यालयों ने सरकारी विद्यालयों को पीछे छोड़ दिया। राज्य बनने के बाद यह उम्मीद बांधी गई कि दूरदराज तक सरकारी स्कूलों की पहुंच बनने के बाद आम जनता को काफी राहत मिलेगी। हालांकि इससे ये फायदा तो हुआ कि स्कूलों और छात्र-छात्राओं के बीच दूरी घट गई लेकिन इस फायदे को स्थायी बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने में हो रही चूक ने सरकारी स्कूलों के सामने विश्वास का बड़ा संकट उत्पन्न कर दिया है। 15 साल में सरकारी प्राथमिकता स्कूलों में छात्रसंख्या में तकरीबन 50 फीसद कमी आई है। उच्च प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों में छात्र संख्या घट रही है। आश्चर्यजनक यह है कि सरकारी स्कूलों के नजदीकी निजी स्कूलों में छात्रसंख्या तेजी से बढ़ रही है। अभिभावक अपने पाल्यों को निजी स्कूलों में भेजना मुफीद मान रहे हैं इसकी तस्दीक शिक्षा महकमे की ओर से जुटाए गए आंकड़े कर रहे हैं।
दरअसल, माध्यमिक शिक्षा की बदहाली का अंदाजा इससे लग सकता है कि तकरीबन 48 फीसद स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशालाएं नहीं हैं तो हुनर निखारने के लिए कला एवं हस्तशिल्प कक्ष 83 फीसद स्कूलों में खेल मैदान नहीं होने से खेलों के विकास को लेकर सरकार की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों की हालत ज्यादा खराब है। प्रदेश के 4249 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बिजली नहीं है। आठ हजार से ज्यादा प्राथमिक स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा नहीं है, वहीं छह हजार स्कूलों में खेल का मैदान नहीं है। डेढ़ हजार प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में बालिकाओं के लिए शौचालय नहीं है। सरकारी स्कूलों की दुर्दशा के चलते 1800 प्राथमिक स्कूलों में छात्रसंख्या 10 या इससे कम हो गई है।
बुनियादी जरूरतों को तरसते माध्यमिक स्कूल
सुविधाएं वंचित            स्कूल
विज्ञान प्रयोगशाला      1068
कंप्यूटर कक्ष               1114
कला-शिल्प कक्ष         1846
पुस्तकालय               1688
खेल के मैदान           1215
बिजली                    817
पानी                       171
शौचालय                42
गल्र्स टॉयलेट          614

प्राथमिक विद्यालयों में सुविधाओं की तस्वीर
सुविधाएं वंचित स्कूल
बिजली 29 फीसद
हाथ धोने की सुविधा 39 फीसद
खेल का मैदान 47 फीसद
कंप्यूटर 95 फीसद
गल्र्स टॉयलेट 5 फीसद
प्रधानाध्यापक कक्ष 75 फीसद
लाइब्रेरी 12 फीसद

उच्च प्राथमिक स्कूलों में सुविधाओं की तस्वीर
सुविधाएं                वंचित स्कूल
बिजली                        18 फीसद
गल्र्स टॉयलेट               04 फीसद
हाथ धोने की सुविधा      61 फीसद
खेल के मैदान               52 फीसद
कंप्यूटर                       37 फीसद
गल्र्स टॉसलेट             04 फीसद
प्रधानाध्यापक कक्ष      24 फीसद
लाइब्रेरी                       12 फीसद

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