नई दिल्ली: अगर आपने धारावाहिक रामायण देखी होगी या पढ़ी होगी तो जटायु की स्मृतियां आपके जेहन में होंगी। वहीं जटायु जिसने मां सीता की रक्षा करते हुए रावण से लड़ाई लड़ी थी और घायल होकर अपने प्राण त्यागे थे। केरल के कोल्लम में जल्द ही जटायु नेचर पार्क अगले साल जनवरी से लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर केरल के टूरिज्म मैप पर एक और नया डेस्टिनेशन जुड़ने जा रहा है। कोल्लम जिले के चदयामंगलम गांव में ‘जटायु नेचर पार्क’ बनकर तैयार है। यह जनवरी 2016 से सभी के लिए खुल जाएगा। जनवरी से इसके पहले फेज की तैयारी हो चुकी है।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक जटायु अरुण देवता के पुत्र थे। इनके भाई का नाम सम्पाती था। ‘रामायण’ में सीताजी के हरण के प्रसंग में जटायु का उल्लेख प्रमुखता से हुआ है। जब लंका का रावण सीता का हरण करके आकाशमार्ग से पुष्पक विमान में जा रहा था, तब जटायु ने रावण से युद्ध किया। युद्ध में रावण ने जटायु के पंख काट डाले, जिससे वह मरणासन्न स्थिति में पहुंचकर पृथ्वी पर गिर पड़े। जब श्रीराम और लक्ष्मण सीताजी की खोज कर रहे थे, तभी उन्होंने जटायु को मरणासन्न अवस्था में पाया। जटायु ने ही राम को बताया कि रावण सीता का हरण करके लंका ले गया है और बाद में उसने प्राण त्याग दिये। फिर भगवान राम और उनके छोटो भाई लक्ष्मण ने उसका दाह संस्कार और किया।