जनेश्वर मिश्र पार्क: एक दिन में 21 लाख की चाय-पकौड़ी खा गए अफसर
लखनऊ: समाजवादी पार्टी की पूर्व सरकार में बनाये गए 376 एकड़ में जनेश्वर मिश्र पार्क को बनाने में 400 करोड़ ऐसे ही नहीं खर्च हुए। कार्यदायी संस्था एलडीए के अधिकारियों ने यह पार्क बनाने के दौरान रुपये पानी की तरह बहाए। ऐसा खुलासा हुआ है कि अफसरों ने एक दिन में कॉफी, चाय और पकौड़ियों पर एक दिन में 21 लाख रुपये से अधिक खर्च किया है। इसी तरह पौधों की देखरेख के नाम पर 15 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। जबकि पार्क में सिंचाई व्यवस्था के लिए 14 करोड़ रुपये अलग से खर्च हुए थे। वहीं सांप पकड़ने सहित तमाम मदो में लाखों रुपये खर्च किये गए हैं।
छह इंजीनियरों पर गिर सकती है गाज
बताया जा रहा है कि अफसरों ने इस पार्क में एक काम के लिए ठेकेदारों को कई बार लाखों का भुगतान करवा दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार इस शाहखर्ची की जांच भी चल रही है, जिसमें एलडीए के पूर्व वीसी के साथ छह इंजीनियरों पर गाज गिर सकती है। नोडल संस्था होने के कारण एलडीए को शासन से मिलने वाले बजट से 12% सेंटेज मिलना था। नाश्ता-पानी में पैसा खर्च किया जाएगा, इसका उल्लेख नहीं था, लेकिन अफसरों ने चाय-नाश्ते में लाखों रुपये खर्च कर दिए। कहा यह भी जा रहा है कि अफसरों ने एक दिन में कई-कई बार भुगतान भी करवा दिया।
फ्लैग एरिना के लिए 5 करोड़ रुपये खर्च
एलडीए अधिकारियों ने पार्क में फ्लैग एरिना के लिए 5 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। जबकि इसको बनवाने के लिए अनुमानित लागत 2.5 करोड़ थी। इसके लिए 21 मार्च 2016 को 2.66 करोड़ ,13 जून 2016 को 1.48 करोड़, 25 जून 2016 को 34.87 लाख और 31 मार्च 2017 को 1.89 करोड़ रुपये खर्च हुए।
सांप पकड़ने के लिए लाखों रुपये खर्च
जनेश्वर मिश्र पार्क में निकलने वाले सांपों को पकड़ने के लिए लाखों रुपये खर्च किये गए। इसका भुगतान एई अनूप शर्मा को एडवांस में कर दिया गया। इसके लिए कुछ सपेरे आउटसोर्सिंग पर तैनात किए गए। यह भुगतान 4 मार्च 2016 को 8 लाख, 30 मार्च 2016 को 8 लाख, 22 जुलाई 2016 को 8 लाख रुपये किया गया।
पार्किंग बनाने के लिए किया गया कई बार भुगतान
जनेश्वर मिश्र पार्क की पार्किंग बनाने के कई बार भुगतान किया गया लिए। यहां मौके पर सिर्फ 4 पार्किंग हैं लेकिन भुगतान 19 बार किया गया है। इसमें 18 सितंबर 2014 को 49 लाख 33 हजार, 13 मई 2016 को 26 लाख 64 हजार, 13 मई 2016 को 39 लाख 30 हजार, 26 अगस्त 2014 को 48 लाख 72 हजार, 18 अक्टूबर 2014 को 38 लाख 29 हजार, 10 नवंबर 2014 को 38 लाख 36 हजार, 4 मार्च 2015 को 12 लाख 13 हजार, 23 मई 2015 को 12 लाख 70 हजार, 16 सितंबर 2015 को 52 लाख 10 हजार, 28 मार्च 2016 को 39 लाख 8 हजार, 28 मार्च 2016 को 67 लाख 10 हजार, 13 मई 2016 को 26 लाख 64 हजार, 13 मई 2016 को 39 लाख 30 हजार, 26 अगस्त 2016 को 67 लाख 39 हजार रुपये का भुगतान किया गया।
सिंचाई व्यवस्था के लिए खर्च किये गए 14 करोड़ रुपये
जनेश्वर मिश्र पार्क की सिंचाई व्यवस्था के लिए एलडीए ने करीब 14 करोड़ खर्च किए। सिंचाई व्यवस्था के लिए भी एलडीए ने कई बार भुगतान किया। लेकिन हकीकत यह है कि यहां काफी पौधे बिना पानी के अभी भी सूख रहे हैं। इसके लिए 23 अप्रैल 2014 को 1 करोड़ 93 लाख, 2 जून 2014 को 82 लाख 39 हजार, 27 अगस्त 2014 को 1 करोड़ 81 लाख, 21 अक्टूबर 2014 को 1 करोड़ 51 लाख, 27 दिसंबर 2014 को 4 करोड़ 34 लाख, 8 अक्टूबर 2015 को 1 करोड़ 45 लाख, 19 अक्टूबर 2015 को 32 लाख 43 हजार, 19 अक्टूबर 2015 को 23 लाख 8 हजार, 9 नवंबर 2015 को 1 करोड़ 87 लाख, 22 जुलाई 2016 को 74 लाख 53 हजार रुपये भुगतान किया गया।
रेन वॉटर हार्वेस्टिंग में भी खूब हुई लूट
जनेश्वर मिश्र पार्क की में एलडीए ने तीन साल के भीतर 14 बार रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का काम करवाया। इसके लिए अलग-अलग तारीखों में भुगतान कर खूब लूट की गई। इसमें 4 मार्च 2015 को 42 लाख 51 हजार, 11 मार्च 2015 को 30 लाख 37 हजार, 26 जुलाई 2016 को 49 लाख 15 हजार, 26 अगस्त 2016 को 49 लाख 15 हजार, 4 सितंबर 2016 को 48 लाख 65 हजार, 18 सितंबर 2016 को 24 लाख 98 हजार, 26 सितंबर 2016 को 49 लाख 48 हजार, 7 अक्टूबर 2016 को 49 लाख 96 हजार, 13 अक्टूबर 2016 को 49 लाख 63 हजार, 17 अक्टूबर 2016 को 49 लाख 83 हजार, 20 अक्टूबर 2016 को 49 लाख 90 हजार रुपये का भुगतान किया गया।
3 लाख में नाश्ता, कॉफी-स्नैक्स में 17 लाख खर्च
एलडीए के अफसरों ने नाश्ते के लिए वाउचर से भुगतान किया इसमें
1. वाउचर नंबर: 1584/02332 से कॉफी और स्नैक्स के लिए 16 लाख 93 हजार 333 रुपये लिया गया।
2. वाउचर नंबर: 1582/02330 से ब्रेकफास्ट के लिए 3 लाख 30 हजार 864 रुपये लिया गया।
3. वाउचर नंबर: 1583/0231 से कॉफी और स्नैक्स के लिए 86 हजार 271 रुपये लिया गया। जबकि इससे पहले 16 नवंबर 2015 को 9 लाख 21 हजार 978 रुपये, 9 फरवरी 2016 को 27 हजार 468 रुपये और 9 लाख 47 हजार 244 रुपये चाय-नाश्ते पर खर्च किए गए।
पेड़ों की देखरेख के लिए करोड़ों का भुगतान
एलडीए के अफसरों ने पेड़ों की देखरेख के लिए दो वाउचर से भुगतान किया।
1. इसमें वाउचर नंबर: 586/02101 से पेड़ों की देखरेख के लिए 4 करोड़ 77 लाख 44 हजार 224 रुपये लिया गया।
2. वाउचर नंबर: 587/02103 से पेड़ों की देखरेख के लिए 10 करोड़ 30 लाख 73 हजार 190 रुपये लिया गया। इसके अलावा यहां सेमिनार पर 29 जुलाई 2016 को 10 लाख 63 हजार खर्च हुए। जबकि टेंट के लिए 19 लाख 95 हजार रुपये खर्च किए गए।