अजब-गजबपर्यटनफीचर्ड

जन्माष्टमी के पावन पर्व पर ज़रूर घुमने जाए मथुरा

देश भर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास और पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित श्रीकृष्ण के मंदिरों में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी भक्त और पर्यटक आते हैं. आइए, जन्माष्टमी के अवसर पर आपको एक ऐसे धार्मिक पर्यटन स्थल की यात्रा कराते हैं, जहां पहुंचकर मन पूरी तरह कृष्णमय हो जाता है. यहाँ जगह है मथुरा. जन्माष्टमी के पावन पर्व पर ज़रूर घुमने जाए मथुराउत्तर प्रदेश में यमुना नदी के किनारे स्थित श्रीकृष्ण की यह जन्मभूमि कृष्ण भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल के रूप में प्रसिद्ध है. यही कारण है कि मंदिरों के इस शहर में हजारों लोगों का तांता हमेशा लगा रहता है. जन्माष्टमी के समय तो वहां पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है. श्रीकृष्ण के जन्मस्थान कटरा केशव देव के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जाता है.

इसके अलावा, मथुरा-वृंदावन मार्ग स्थित गीता मंदिर का आकर्षण ही अलग है. इस मंदिर की हर दीवार पर भगवद् गीता के उपदेश लिखे हैं. वैसे, लोकप्रियता के मामले में यहां का द्वारकाधीश मंदिर सबसे आगे है. जन्माष्टमी जैसे उत्सवों के दौरान यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है. मंदिरों में आधी रात तक समारोह चलते हैं. मंदिरों के अलावा, मथुरा के घाटों की बात ही कुछ और है. हर घाट की अपनी कृष्ण कहानी है, जैसे-विश्राम घाट. मान्यता है कि कंस की मृत्यु के बाद श्रीकृष्ण ने यहीं पर विश्राम किया था. हर शाम यहां होने वाली आरती देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी पहुंचते हैं. दिल्ली से मथुरा की दूरी करीब 145 किलोमीटर है, जबकि आगरा से यह करीब 58 किलोमीटर दूर है. सड़क के अलावा यह रेल मार्ग से दिल्ली, आगरा, जयपुर, ग्वालियर, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, लखनऊ, मुंबई और देश के दूसरे शहरों से जुड़ा है. ताज एक्सप्रेस वे के बनने के बाद अब दिल्ली से सिर्फ दो घंटे में मथुरा पहुंचा जा सकता है. वहीं, आगरा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, जहां दिल्ली, मुंबई, वाराणसी और खजुराहो से नियमित उड़ानें मौजूद हैं.

Related Articles

Back to top button