जब तक चाहें, चीन के राष्ट्रपति रह सकते हैं शी जिनपिंग
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नई दिल्ली (एजेंसी) : चीन के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ज्यादा से ज्यादा दो कार्यकाल तक ही अपने पद पर बने रह सकते थे, लेकिम चीन की संसद ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए दो कार्यकाल की अनिवार्यता खत्म कर दिया है। इस बदलाव से शी जिनपिंग इस पद पर जिंदगी भर बने रह सकते हैं। यह चीन की राजनीति में बड़ा बदलाव है। चीन में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के करीब 3,000 सांसदों में से दो-तिहाई बहुमत ने दो कार्यकाल की अनिवार्यता को खत्म करने के पक्ष में वोट किया।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष संगठन सात सदस्यीय स्थाई समिति ने इस संशोधन को मंजूरी दे दी है। एनपीसी को देश के अधिकार विहीन संसद के रूप में देखा जाता है जो हमेशा सीपीसी के सभी प्रस्तावों को मंजूरी दे देता है, ऐसे में इस संविधान संशोधन के भी संसद में बिना किसी रुकावट के ध्वनिमत से पारित होने की पूरी संभावना पहले से ही थी।
पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष माओ त्से तुंग के बाद पिछले दो दशक से पार्टी के नेता दो कार्यकाल की अनिवार्यता का पालन करते रहे हैं, ताकि तानाशाही से बचा जा सके। संविधान संशोधन के बाद 64 साल के जिनपिंग के जीवन भर चीन का नेता बने रहने के रास्ते का रोड़ा समाप्त हो जाएगा। फिलहाल उनका पांच साल का दूसरा कार्यकाल चल रहा है और मौजूदा प्रणाली के तहत वह शासन के 10 साल पूरे होने के बाद 2023 में रिटायर हो जाएंगे। माओ के बाद शी को देश का सबसे मजबूत नेता माना जाने लगा है, क्योंकि वह देश के राष्ट्रपति होने के अलावा सीपीसी और सेना दोनों के प्रमुख भी हैं।